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Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में बम की धमकी से मचा हड़कंप, घंटों चली सर्चिंग; सफाई कर्मचारी को आया फोन

प्रयागराज। महाकुंभ का आज छठा दिन है। इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि, महाकुंभ में बम की धमकी मिली है। सेक्टर-18 में बम की सूचना मिलते ही पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां मौके पर पहुंचीं। पुलिस, डॉग स्क्वायड और बम डिस्पोजल स्क्वाड की टीमों ने सेक्टर-18 सहित महाकुंभ के एरिया में तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला और यह सूचना झूठी साबित हुई।

बता दें कि, महाकुंभ में छठे दिन सुबह 10 बजे तक 20 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 7.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम स्नान कर चुके हैं। वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज प्रयागराज आ रहे हैं, वह संगम में स्नान करेंगे। इसके साथ ही सेना के अफसरों के साथ बैठक भी करेंगे।

सफाईकर्मी को आया था कॉल

सफाईकर्मी के पास 17 जनवरी दोपहर में कॉल आया था कि सेक्टर-18 में बम है। थोड़ी ही देर में ब्लास्ट की धमकी दी थी। पुलिस कॉल डिटेल निकलवा रही है।

26 फरवरी तक चलेगा महाकुंभ

यह महाकुंभ 12 साल बाद हो रहा है, लेकिन संतों का कहना है कि इस बार 144 साल बाद एक बेहद खास मुहूर्त बना है, जो समुद्र मंथन के दौरान हुआ था। यह महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। इस धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन में 45 दिन के दौरान 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, इस बार महाकुंभ में 15 लाख से ज्यादा विदेशी श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

महाकुंभ में इन तारीख को होगा शाही स्नान

महाकुंभ का पहला शाही स्नान 13 जनवरी (पूस पूर्णिमा )के दिन होगा।
14 जनवरी (मकर संक्रांति )के दिन शाही स्नान।
29 जनवरी (मोनी अमावस्या) के दिन शाहीस्नान।
03 फ़रवरी (बसंत पंचमी) के दिन शाही स्नान।
12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) के दिन शाही स्नान।                                                                                            26 फरवरी (महाशिवरात्रि )के दिन शाही स्नान किया जाएगा।

महाकुंभ को लेकर क्या है मान्यता

मान्यता है कि, कुंभ मेले में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। समुद्र मंथन से जो अमृत निकला, उसे पाने के लिए देवताओं और राक्षसों के बीच 12 साल तक युद्ध हुआ। इस युद्ध के दौरान अमृत की कुछ बूंदें जिन-जिन स्थानों पर गिरीं, वहां कुंभ मेला आयोजित होता है। चूंकि युद्ध 12 साल तक चला, इसलिए कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार होता है। महाकुंभ के स्नान को शाही स्नान के नाम से जाना जाता है।

144 साल बाद बन रहा ये दुर्लभ संयोग

प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि इस बार 144 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। जिसका संबंध समुद्र मंथन से माना जाता है, जिस दौरान देवताओं और राक्षसों ने अमृत के लिए संघर्ष किया था। इस दिन सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही है जो कि उस समय समुद्र मंथन के दौरान भी बनी थी।

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