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UAE में चला मध्यप्रदेश के उद्योगपतियों का मैजिक, इंदौर-भोपाल के एनआरआई भेज रहे हैं छप्पर फाड़ के पैसा

यूएई में पीएम मोदी की 7 यात्राओं से आया नौकरियों, विदेशी मुद्रा भंडार में बूम

भोपाल/दुबई। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में मोदी मैजिक ने प्रवासियों के लिए नौकरियों में बूम ला दिया है। साथ ही भारत में विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व्स) बढ़ाने में भी बड़ा योगदान दिया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विगत एक दशक में सात से अधिक बार यूएई की आधिकारिक यात्राएं कर चुके हैं। इन्हें भारतीय प्रवासियों के लिए अनेक उपहारों और वरदान के रूप में माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल के प्रवासी उद्योगपति भारत को छप्पर फाड़ कर पैसा भेज रहे हैं।

विदेशी मुद्रा भेजने में यूएई प्रवासियों की हिस्सेदारी 18% के पार :

वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुमानों के अनुसार भारत में विदेशी मुद्रा भेजने में यूएई के प्रवासियों की हिस्सेदारी 18% के पार पहुंच चुकी है। यह विदेशों से भारत को भेजी गई मुद्रा में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। वर्ष 2013-2014 की तुलना में वर्तमान वित्तीय वर्ष- 2023-24 में विदेशी मुद्रा की आमद ने 99% की बढ़त हासिल करते हुए 125 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सीमा रेखा को हासिल किया है। इसका इंडियन करेंसी में मूल्य लगभग 1000 अरब रुपए है।

यूएई में मप्र के कई उद्योगपतियों ने दीं नौकरियां :

छत्तीसगढ़ के अलावा मप्र के इंदौर, भोपाल और मालवा मूल के अन्य व्यापारियों ने अरब मुल्कों में हजारों नौकरियों को जन्म दिया है। इनमें मुख्य रूप से बेस्टजोन ग्रुप के मालिक नरेश भावनानी, रिटेल ग्रुप चौतराम एंड सन्स, कपड़ा व्यापारी चंद्रशेखर भाटिया, इंजीनियरिंग क्षेत्र के जितेंद्र वैध, परμयूम व्यापारी सेठ जमुनादास और हरेश अवतानी शामिल हैं।

भव्य हिन्दू मंदिर के निर्माण से भी बढ़ा भारत का मान:

चंद्रशेखर भाटिया के अनुसार, खाड़ी देशों में रहने वाले भारतीय खुलकर कहते हैं कि वर्ष 2015 की भीषण गर्मी के बावजूद पीएम मोदी की बहुचर्चित दुबई यात्रा एक मील का पत्थर साबित हुई। भारत के किसी प्रधानमंत्री ने 35 साल में पहली बार दुबई की ओर रुख किया था। इसी वर्ष 14 फरवरी को मोदी अबू धाबी में बने भव्य हिन्दू मंदिर का उद्घाटन करने भी पहुंचे थे।

यूएई में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के उद्योगपतियों का जलवा

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि मोदी सरकार की विदेश नीति और यात्राओं ने अप्रवासी भारतीयों में नई एनर्जी और विश्वास जगाया है। इससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिला है। इसके साथ ही यहां नौकरियों के लाखों नए अवसर पैदा हुए हैं। अकेले दुबई में 2024 में भारतीय मूल की जनसंख्या कुल आबादी का 38 फीसदी हो चुकी है। इसमें मध्य प्रदेश के प्रवासी भारतीयों की अहम भूमिका है। मध्यप्रदेश के कपड़ा व्यापार, फूड स्टफ, ज्वैलरी, पर्यटन, शिक्षा एवं तकनीकी की कुशलता ने दुबई में नए आयाम स्थापित किए हैं।

इंदौर मेयर और सांसद की दुबई यात्रा का भी मिला लाभ

दुबई में प्रतिष्ठित अजमल ग्रुप के प्रबंधकों का मानना है कि मप्र में डेवलपमेंट, स्थायी सरकार, पर्याप्त और जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर की सहूलियतें और पब्लिक सपोर्ट इन्वेस्टर्स को आकर्षित करता है। इनमें इंदौर-भोपाल में फैशन प्रॉडक्ट्स के प्रति लोगों में के्रज बढ़ा है। दुबई में अपना टेक्सटाइल्स का बिजनेस करने वाले इदौर निवासी चंद्रशेखर भाटिया के अनुसार इंदौर के लिए दुबई से फ्लाइट , इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव का दुबई में सरकारी सेमिनार में शामिल होना, सांसद शंकर लालवानी की अगुवाई में मप्र के मंत्रियों का डेलिगेशन आना ऐसे प्रयासों ने दुबई में मप्र के नागरिकों को नौकरी और व्यापार के महत्वपूर्ण अवसर मुहैया कराए हैं।

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