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‘INDIA’ पर शनि सवार, मोदी पर मेहरबानी, लेकिन राहुल को ‘परेशानी’

क्यों मोदी के मुकाबले कामयाब नहीं हो पा रहे राहुल गांधी, जानिए क्या कहता है अंक ज्योतिष?

विजय परमार, मुंबई। 2024 में ‘शनि’ की आंधी चल रही है। यह वो ग्रह है, जो रंक को राजा और एक राजा को रंक बना देता है। भारत के इतिहास में शनि और शुक्र की हमेशा अहम भूमिका रही है।

शताब्दी का 24वां वर्ष 24 (2+4=6) शुक्र का अंक देता है। वहीं, 2024(2+0+2+4=8) हमें शनि भगवान का अंक देता है। 19 अप्रैल को आम चुनाव के पहले चरण के लिए वोटिंग होगी। अब यह जानना दिलचस्प है कि क्या भाजपा का नारा ‘अबकी बार 400 पार’ साकार होगा या नहीं? दूसरा, ऐसी क्या वजह है कि कड़े संघर्ष के बावजूद राहुल गांधी को वांछित सफलता नहीं मिल पा रही है?

शनि के वर्ष (2024) में ‘शनि’ ही दिलाएगा सफलता

विश्व के सबसे विशाल लोकतंत्र का पर्व शीघ्र ही प्रारंभ होने जा रहा है। पहले बता दें कि हम 15 अगस्त, 1947 से स्वतंत्रता दिवस, जबकि 26 जनवरी, 1950 से गणतंत्र दिवस मनाते आ रहे हैं। अंकदर्शी (Numeroscope) के अनुसार, इन दोनों तिथियों में शनि और शुक्र की अहम भूमिका रही है। 2024, शताब्दी का 24वां वर्ष(2+4=6) है। यह अंत:(2+0+2+4=8) शनि के अंक में परिवर्तित होता है। इस दृष्टि से शनि और सूर्य की लोकसभा चुनाव में अहम भूमिका रहेगी।

भारत की कुंडली का न्यूमेरिकल एनालिसिस करने पर (स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस) यह स्पष्ट हो जाता है कि शनि और शुक्र ने हमेशा अहम भूमिका निभाई है। सूर्य का अंक 1 और शुक्र का अंक 6 है। इनके अलावा तीसरा ग्रह विशेष भूमिका निभाता है, वह है बुध। इसे हम सेंटर या बैलेंसिंग प्लेनेट भी कहते हैं। इसका अंक 5 है।

(भारत की आजादी और गणतंत्र दिवस का अंक ज्योतिष)

परिवर्तन ही प्रकृति का नियम

प्रकृति परमात्मा है, प्रकृति परमेश्वर है। प्रकृति ट्वेंटी फोर सेवन(20-4-7) फूलों में हंसती है, झरनों में बहती है, चांद-तारों में बसती है, नई आत्माओं को जन्म देती है, बच्चे पैदा करती है।

रवींद्रनाथ टैगोर कहते थे-‘जब भी कोई बच्चा पैदा होता है, तो मेरे मन में धन्यवाद उठता है-प्रकृति के प्रति, प्रकृति अपरंपार है।’

क्यों मोदी बने ताकतवर और राहुल कर रहे संघर्ष?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17.9.1950 को हुआ। नरेंद्र मोदी स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रथम प्रधानमंत्री हैं। विश्व के सबसे विशाल लोकतंत्र में 19 अप्रैल से 1 जून तक लोकसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। एक ओर जहां नरेंद्र मोदी हैं, तो दूसरी ओर इनके मुकाबले में 19.6.1970 को जन्मे राहुल गांधी। अगर विश्लेषण करें, तो नरेंद्र मोदी(17.9.1950=8-5) यानी स्वामी=बुध-Ve है। जबकि राहुल गांधी 19.6.1970=1-5) यानी स्वामी=बुध+Ve है।

अगर मोदी की बात करें, तो इनका जन्म 17.9.1950(8-5) शनि-बुध का कॉम्बिनेशन, अर्थ त्रिभुज ट्रायएंगल के सेकंड हाउस में आता है, जो कि रफ-टफ, बैलेसिंग तथा जमीनी तल से जुड़ता है। नरेंद्र मोदी सूर्य के वर्ष 73वें वर्ष में हैं, जो कि राजनीति दृष्टि से अति लाभकारी है।

राहुल गांधी के रास्ते में शनि क्यों बना रोड़ा?

राहुल गांधी का जन्म (19.6.1970) यानी 1-6=सूर्य और शनि का कॉम्बिनेशन है। यह एयर ट्रायल एंगल के फर्स्ट हाउस में आता है। यह एक गुड, इनडायरेक्ट बैलेसिंग तथा हवा में उड़ने वाला है। राहुल गांधी उम्र के 53वें वर्ष, शनि की चपेट में हैं, जो उन्हें कई स्थानों पर निगेटिव रिजल्ट दे सकता है। खासकर, 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के डेस्टिनी का अंक सूर्य का होने के बावजूद इन्हें राजनीति में अच्छे परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं, क्योंकि इनका डेस्टिनेशन का अंक शुक्र का है, जो ग्लैमर-फैशन में अधिक सफलता दिलाता है। माना जा सकता है कि राजनीति में उन्हें बहुत ही देरी से सफलता मिलेगी, हालांकि संघर्ष के बाद या बहुत अधिक जूझने के बाद।

प्रियंका गांधी और इंदिरा गांधी की बात

एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात समझ लेना भी अति आवश्यक है। मेरी रिसर्च के मुताबिक, डेस्टिनी नंबर स्त्री के जीवन में, जबकि डेस्टिनेशन नंबर पुरुष के जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं। जन्मदिन का अंक डेस्टिनी नंबर कहलाता है। तारीख, महीना और साल के अंकों को कुल जोड़कर आखिर में जो इकलौता नंबर मिलता है, उसे डेस्टिनेशन नंबर कहते हैं।

इंदिरा गांधी का डेस्टिनी अंक सूर्य का था, जिसने उन्हें प्रधानमंत्री बनाया(19 नवंबर-1+9=10) था। राजीव गांधी का डेस्टिनेशन अंक सूर्य का था। इसने उन्हें प्रधानमंत्री बनाया। यह था (20.8.1944) – 2+8+1+9+4+4= 1

अंक ज्योतिष के हिसाब से नाम यानी नेम न्यूमेरोलॉजी

नरेंद्र मोदी का नाम बुध ग्रह(5) पर आता है। यह एक बैलेंसिंग और आत्मनिर्भर प्लेनेट है। राहुल गांधी का नाम मंगल ग्रह(9) के अंक पर आता है, जो कि अनलिमिटेड एनर्जी उत्पन्न करता है, लेकिन सही दिशा, सही मार्गदर्शन-सलाहकार न मिलने पर विपरीत दिशा में परिणाम दे रहे हैं।

नरेंद्र मोदी का कॉम्बिनेशन(शनि-बुध-8-5) राजनीतिक दृष्टिकोण से पहले ही अपने आपको सिद्ध कर चुका है। इसका जीता जागता उदाहरण पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह हैं। डॉ. सिंह का जन्म 26.9.1932 में हुआ, जो कि 8-5 का कॉम्बिनेशन है। नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के सलाहकार, जिनके ग्रह भी इनको प्रभावित करते हैं।

अमित शाह की ताकत का राज

अमित शाह(22.10.1964=4-7) मास्टर नंबर के साथ ही एक कम्पलीट कॉम्बिनेशन हैं। इसने ही राम मंदिर बनाने और आर्टिकल 370 हटाने में अहम भूमिका निभाई है।

प्रियंका गांधी वाड्रा 12.1.1972 एक अच्छा कॉम्बिनेशन है। जो भी सफलता आज राहुल गांधी को मिल रही है, इसमें प्रियंका का अहम योगदान है। प्रियंका के प्लानेट्स राहुल से कई गुना पॉवरफुल हैं।

लोकसभा चुनाव का रिजल्ट क्या होगा ?

आखिर में यह न्यूमेरिकल एनालिसिस निकलता है कि इस लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी डबल डिजिट तक ही सिमट कर रह जाएंगे। वहीं नरेंद्र मोदी एक ऐतिहासिक विजय प्राप्त कर सकते हैं। नरेंद्र मोदी पर शनि की कृपा दृष्टि है, जबकि राहुल शनि की चपेट में हैं।

‘फिर एक बार मोदी सरकार’ को जो नारा भाजपा ने दिया है, वो संभावित है। 4 जून को रिजल्ट आएगा। यानी 400+40 यानी 400 पार या इसके आसपास। शनि, सूर्य पर भारी है, यह धारा-370 (डेस्टिनेशन अंक 1) और राम मंदिर बनते ही सिद्ध हो गया था।

(लेखक – मुंबई के ख्याति प्राप्त साइंटिफिक न्यूमेरोलॉजिस्ट हैं)

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