छत्तीसगढ़ के मुंगेली में हुए स्टील प्लांट हादसे में 36 घंटे बाद साइलो (लोहे का भारी स्टोरेज टैंक) को हटाया गया। लगभग 3-4 घंटे की मशक्कत के बाद इंजीनियर समेत 3 लोगों के शव मलबे से बरामद किए गए। इससे पहले गुरुवार को 2 घायल मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनमें से एक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हादसे में एक हाईवा वाहन भी टैंक की चपेट में आकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
तीसरे प्रयास में मिली सफलता, पहले 2 प्रयास हुए फेल
हादसे के बाद कलेक्टर राहुल देव और एसपी भोजराम पटेल की मौजूदगी में बचाव कार्य जारी रहा। इस दौरान SDRF और NDRF की टीम भी मौजूद रही। कंटेनर का वजन ज्यादा होने की वजह से इस कार्य को करने में सभी बेबस नजर आए। इसके साथ भिलाई और बिलासपुर से 400 और 250 टन क्षमता वाली दो क्रेन मंगवाई गई। इसे असेंबल कर ऑपरेट करने में 8 घंटे लगे, लेकिन कुछ ही देर में यह फेल हो गया। तब कंटेनर को गैस कटर से काटकर उसके अंदर जमे राख को बाहर निकाला गया। वजन कम होने के बाद रात करीब 11 बजे तीसरे प्रयास में सफलता मिली और कंटेनर को हटा लिया गया।
मजदूरों के परिजनों ने जताया विरोध
हादसे के बाद प्लांट के बाहर मजदूरों के परिजन और ग्रामीण बड़ी संख्या में जमा हो गए। एक मजदूर की मौत के बाद नाराजगी और हंगामा हुआ, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने समझाइश देकर माहौल शांत किया। आईजी डॉ. संजीव शुक्ला के निर्देश पर बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, जांजगीर-चांपा, और सारंगढ़-बिलाईगढ़ सहित अन्य जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। प्लांट और आसपास के इलाकों में बैरिकेडिंग कर भारी पुलिस तैनाती की गई ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।
साइलो में अधिक लोड करने के कारण हुआ हादसा
छत्तीसगढ़ के मुंगेली में कुसुम स्मेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड स्टील प्लांट में करीब 350 से अधिक मजदूर काम करते हैं। मामले की जांच में पता चला कि साइलो में क्षमता से अधिक लोड करने के कारण यह हादसा हुआ। जांच रिपोर्ट के आधार पर मैनेजर और प्रबंधन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया गया। पुलिस ने ऑपरेशन मैनेजर अनिल प्रसाद, इंचार्ज अमित केडिया और अन्य प्रबंधकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। साथ ही कलेक्टर राहुल देव ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
बिना ट्रायल इंस्टॉल किया गया था
रिपोर्ट्स के अनुसार प्रोडक्शन शुरू करने में जल्दबाजी के चलते साइलो को कमजोर स्ट्रक्चर पर बिना ट्रायल इंस्टॉल किया गया था। 20 दिन पहले इंस्टॉल किए गए इस साइलो में तकनीकी खराबी भी आई थी, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। गुरुवार दोपहर क्रेन से साइलो को ठीक करने का प्रयास किया जा रहा था, तभी ओवरलोड के कारण इसका स्ट्रक्चर हिलने लगा और हादसा हो गया। इस दौरान सुपरवाइजर समेत कई कर्मचारी साइलो के नीचे दब गए।
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