
बेरुत। लेबनान के बेका वैली में हिजबुल्लाह के टॉप लीडर शेख मुहम्मद अली हमादी की मंगलवार को हत्या कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हमादी अपने घर के बाहर खड़े थे, तभी दो गाड़ियों में आए अज्ञात हमलावरों ने उन पर हमला किया। यह घटना को तब अंजाम दिया गया, जब इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच जारी सीजफायर समझौता चंद दिनों में खत्म होने वाला है।
हमले में कई गोलियां लगने से हुई मौत
घटना के दौरान हमादी को कई गोलियां लगीं। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। हमला करने के बाद अज्ञात हमलावर मौके से फरार हो गए। लेबनानी सुरक्षा बलों ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
हत्या की वजह अब तक साफ नहीं
शेख मुहम्मद अली हमादी की हत्या के पीछे की वजह अब तक साफ नहीं हो पाई है। किसी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेबनान की मीडिया रिपोर्ट्स में इसे चार साल पुराने पारिवारिक विवाद से जोड़ा जा रहा है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में हत्या के पीछे इजराइल का हाथ होने की भी आशंका जताई गई है।
सीजफायर डील के खत्म होने से पहले हुई हत्या
हमादी की हत्या ऐसे समय में हुई है, जब इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच 60 दिन का युद्धविराम समझौता खत्म होने वाला है। यह सीजफायर डील 27 नवंबर 2024 को हुई थी और 25 जनवरी 2025 को समाप्त हो रही है। इस डील के तहत इजराइल को 26 जनवरी तक दक्षिणी लेबनान से अपने सैनिकों को हटाना था, जबकि हिजबुल्लाह को लिटानी नदी के उत्तर में पीछे हटने की शर्त मानी गई थी।
हिजबुल्लाह की ओर से अब तक इस हत्या को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। लेबनानी सुरक्षा बलों ने जांच तेज कर दी है।
इजराइल-हिजबुल्लाह संघर्ष में हुई हजारों मौतें
इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच दशकों से संघर्ष जारी है। इस संघर्ष के चलते लगभग 12 लाख से अधिक लेबनानी और 50,000 इजरायली विस्थापित हुए हैं। लेबनानी अधिकारियों के मुताबिक, इजरायली हमलों में अब तक 3,700 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें अधिकांश नागरिक हैं। वहीं, इजराइल में 130 से ज्यादा मौतें हुई हैं।
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