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जंगल में म्याऊं-म्याऊं… कूनो पालपुर में गूंजी चीता शावकों की किलकारी, आशा ने दिया तीन शावकों को जन्म

श्योपुर। कूनो पालपुर अभयारण्य में चीतों की भागदौड़ के बाद अब नन्हे शावकों की किलकारी से गूंज रहा है। नामीबिया से लाई गई मादा चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया है। इसके बाद से पूरे पालपुर कूनो में चीता प्रोजेक्ट से जुड़े सभी लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। फिलहाल ये जानकारी नहीं लगी है कि इन शावकों को जन्म आखिर कब हुआ लेकिन अब उनकी देखरेख में पूरा अमला जुटा हुआ है। इन नन्हे मेहमानों के इस दुनिया में आने की सूचना केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर शेयर की। अपने एक्स पोस्ट पर मिनिस्टर यादव ने लिखा – “जंगल में म्याऊँ! यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कूनो नेशनल पार्क ने तीन नए सदस्यों का स्वागत किया है। शावकों का जन्म नामीबियाई चीता आशा से हुआ है।”… उन्होंने इसे देश में शुरू किए गए चीता प्रोजेक्ट की बड़ी सफलता बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है। देखें वीडियो…

कूनो में 14 वयस्क चीते और एक शावक मौजूद

कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान में 14 वयस्क और एक शावक चीता मौजूद है। इनमें 7 नर चीते गौरव, शौर्य, वायु, अग्नि, पवन, प्रभाष और पावक शामिल हैं। वहीं 7 मादा चीतों में आशा, गामिनी, नाभा, धीरा, ज्वाला, निरवा और वीरा शामिल है। इनमें से अभी केवल दो चीते ही खुले जंगल में मौजूद हैं, जो भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटकों को दिख सकते हैं, जबकि शेष सभी चीतों को अभी बड़े बाड़े में ही रखा गया है।

कूनो का एरिया 500 वर्ग किमी बढ़ा

नामीबिया से आठ चीते कूनो में छोड़े जाने की पहली वर्षगांठ मनाए जाने से पहले 10 सितंबर 2023 को कूनो का क्षेत्रफल 500वर्ग किमी तक बढ़ा दिया गया था। चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस 17 सितंबर को छोड़ा गया था। केंद्र और राज्य सरकार ने चीतों की एक्टिविटी कूनो से पोहरी तक होने के कारण 500 वर्ग किमी का क्षेत्रफल कूनो सेंचुरी से जोड़ा। बता दें कि, लगभग एक साल में यहां चार चीता शावकों का जन्म हुआ था, जबकि अब 9 चीतों की मौत हो गई। जिसके बाद कूनो में कुल 11 चीते रह गए थे। मौत की वजह कॉलर आईडी बताई गई थी, जिस पर विशेषज्ञों ने रिसर्च की है। वहीं अब तीन और शावकों का जन्म हुआ है। कूनो में हुई 9 चीतों की मौत के बाद इस प्रोजेक्ट पर कई सवाल भी उठाए गए।

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