
नई दिल्ली। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए दिल्ली AIIMS ने हाफ-डे की छुट्टी का फैसला वापस ले लिया। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 22 जनवरी को अपनी ओपीडी सेवाएं दोपहर 2.30 बजे तक बंद करने का अपना फैसला वापस ले लिया है। क्योंकि, विपक्षी नेताओं ने अस्पताल के फैसले का विरोध किया था। साथ ही सोशल मीडिया पर भी लोग इसका विरोध हो रहे थे।
निर्धारित समय पर ही होगा काम
दिल्ली एम्स के एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर राजेश कुमार ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि संस्थान का आउटपेशेंट डिपार्टमेंट 22 जनवरी को नियमित समय के अनुसार काम करेगा। इस दिन अपॉइमेंट लेने वाले मरीजों को ओपीडी में सर्विस मिलेगी। सभी क्लिनिकल केयर सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। उन्होंने सभी विभागों के एचओडी और सेंटरों के प्रमुखों को इस संबंध में अपने स्टाफ को सूचित करने का निर्देश दिया है।

20 जनवरी को एम्स ने जारी किया था आदेश
इससे पहले 20 जनवरी, शनिवार को दिल्ली एम्स ने घोषणा की थी कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जश्न मनाने के लिए अस्पताल दोपहर 2.30 बजे तक OPD की सुविधा बंद रहेगी। एम्स ने अपने आदेश में कहा था कि इमरजेंसी सेवा हर रोज की तरह सोमवार को भी जारी रहेगी। ताकि आपात स्थिति वाले मरीजों को कोई परेशानी न हो। वहीं सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया और लेडी हार्डिंग समेत भुवनेश्वर के AIIMS ने भी हाफ-डे की घोषणा की है।

केंद्र सरकार ने जारी किया था हाफ डे का नोटिफिकेशन
दरअसल, 22 जनवरी को अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस समारोह को देशभर में एक उत्सव की तरह मनाया जाएगा। इस बात ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने 22 जनवरी को सभी केंद्रीय संस्थानों और दफ्तरों में आधे दिन की छुट्टी (दोपहर 2:30 बजे तक) की घोषणा की है। 18 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी किया था। कई भाजपा शासित राज्यों ने भी केंद्र सरकार की तरह अपने सरकारी संस्थानों में आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की है।
विपक्षी नेताओं ने किया था विरोध
इस मामले शिवसेना उद्धव गुट की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सोशल मीडिया पर फैसले का विरोध करते हुए तंज किया था। प्रियंका ने लिखा- हेलो इंसानों… कृपया 22 तारीख को मेडिकल इमरजेंसी में न जाएं। आप इसे दोपहर 2 बजे के बाद के लिए शेड्यूल कर लें, ताकि AIIMS दिल्ली मर्यादा पुरुषोत्तम राम के स्वागत के लिए समय निकाल ले। क्या भगवान राम इस बात से सहमत होंगे कि उनके स्वागत के लिए देश के सबसे बड़े अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो जाएं। हे राम…हे राम। वहीं कांग्रेस नेता अलका लांबा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे मरीजों के लिए यह तुगलकी फरमान मौत बन कर मंडरायेगा। फैसला अमानवीय है- ऐसे फैसले तो भगवान राम को भी स्वीकार नहीं होंगे। जबकि, तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने कहा गरीब और मरने वाले लोग इंतजार कर सकते हैं, क्योंकि मोदी की प्राथमिकता में कैमरा और खुद का पीआर है।
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