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इंदौर बावड़ी हादसा : वर्षों पुराने सड़े एंगल नहीं झेल पाए भीड़ का भार, कभी विवादित थी यह जमीन, जहां बना मंदिर

इंदौर। गुरुवार को रामनवमी के मौके पर इंदौर के 14 लोगों की मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। हवन-पूजन के बीच बावड़ी की स्लैब ढहने से करीब 50 लोग बावड़ी में जा गिरे। घंटों के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 14 लोगों की मौत की खबर है। 17 लोगों को बचाया गया है। और भी लोगों के फंसे होने की संभावना है।

थाने में हुई थी शिकायत

इस बीच, सभी के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर यह हादसा हुआ कैसे? बता दें कि जिस जगह श्री बेलेश्वर महादेव मंदिर बना हुआ है काफी समय पहले यहां पर कब्जे की जमीन को लेकर जूनी इंदौर थाने में शिकायत दर्ज हुई थी। सूत्रों के मुताबिक उस वक्त पुलिस ने शिकायतकर्ता पर ही मामला दर्ज कर लिया। इसके बाद राजनीतिक दबाव में यहां मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। मंदिर जिस जगह है, वहां पर 50 वर्ष पुरानी यह बावड़ी बनी हुई है। लेकिन, इसे ढंक दिया गया। हालांकि, इसे ढंकने के लिए सिर्फ एंगल लगाकर ऊपर से आरसीसी स्लैब कर दिया गया था। लंबा समय होने की वजह से इसके एंगल पूरी तरह से सड़ चुके थे। गुरुवार को अधिक भीड़ हो जाने के कारण यह एंगल धंस गए और लोग सीधे नीचे जा गिरे।

निगम ने पिछले साल दिया था नोटिस

27 अप्रैल 2022 को नगर निगम ने मंदिर ट्र्रस्ट को एक नोटिस दिया था। इसमें बताया गया था कि भवन स्वीकृति के नियमों का उल्लंघन किया गया है। आपके द्वारा गार्डन की जगह पर निर्माण किया जा रहा है। नगर निगम की नोटिस में साफ लिखा था कि यह अपराध है और मना करने के बावजूद आपने निर्माण कार्य बंद नहीं करवाया। इस मामले में निगम ने ट्रस्ट से 25 अप्रैल 2022 तक जवाब मांगा था। मंदिर ट्रस्ट ने अपने जवाब में लिखा था – यह 100 वर्षों पुराना मंदिर है। जीर्णशीर्ण होने की वजह से जीर्णोद्धार किया जा रहा है। बावड़ी टिन शेड में बंद पड़ी है। गार्डन की रिक्त भूमि पर कोई निर्माण नहीं किया गया है। मंदिर सार्वजनिक और हिंदू भावना का उत्प्रेरक है। यह नोटिस और मंदिर ट्रस्ट का जवाब peoplesupdate.com के पास उपलब्ध है।

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