मुंबई। फिल्म इंडस्ट्री के महानायक अमिताभ बच्चन आज अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं। 11 अक्टूबर 1942 को पैदा हुए अमिताभ के भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी करोड़ों चाहने वाले हैं। उन्होंने अपनी इस लंबी जर्नी में कई पड़ाव देखे हैं। सुपरहिट फिल्में दी, तो लगातार फ्लॉप फिल्मों का दबाव भी झेला। हिंदी सिनेमा के रूपहले पर्दे पर अमिताभ को जो पहचान और शौहरत मिली है, उसकी हर अभिनेता को चाहत होती है। वह बॉलीवुड के सबसे सफल अभिनेता माने जाते हैं।
इंजीनियर बनना चाहते थे बिग बी
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में पैदा हुए अमिताभ के पिता डॉ हरिवंश राय बच्चन मशहूर कवि थे। उनकी मां तेजी बच्चन कराची से थीं। अमिताभ बच्चन कभी इंजीनियर बनने या एयरफोर्स में जाने का सपना देखा करते थे। लेकिन वह फिल्म इंडस्ट्री के शहंशाह बन गये।
भारी भरकम आवाज की वजह से हुए थे रिजेक्ट
एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने वाले अमिताभ ने लगातार 12 फ्लाप फिल्में भी दीं। भारी भरकम आवाज की वजह से ऑल इंडिया रेडियो से रिजेक्ट भी हुए। लेकिन फिल्म जंजीर उनके करियर में मील का पत्थर साबित हुई। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। देखते ही देखते बॉलीवुड का एंग्रीमैन सदी का महानायक कहलाने लगा। 70 से 80 के दौर में अमिताभ बच्चन ने बॉलीवुड पर राज किया। फ्रेंच डायरेक्टर फ्रांस्वा त्रुफो ने तो उन्हे ‘वन मैन इंडस्ट्री’ तक कह दिया था।
डायलॉग डिलीवरी है खासियत
7 नवंबर 1969 में रिलीज हुई ‘सात हिन्दुस्तानी’ फिल्म से अभिनय की दुनिया में कदम रखने वाले अमिताभ के लिए शुरुआत में निर्देशकों का मानना था कि दुबले-पतले और सामान्य से अधिक लंबे इस शख्स में ऐसा कोई गुण नहीं है, जिसकी वजह से दर्शक उन्हें पर्दे पर पसंद करेंगे। लेकिन बिग बी ने एक्टिंग और कड़ी मेहनत की बदौलत इंडस्ट्री में जो पहचान बनाई, वह हर किसी को नसीब नहीं होती है। अमिताभ की सबसे बड़ी खासियत उनकी दमदार अदाकारी और डायलॉग डिलीवरी है। उनकी कई फिल्मों के डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं।
दर्शकों के दिलों में किया राज
वह पिछले पांच दशकों से हिंदी फिल्मों में सक्रिय हैं। उन्होंने 200 से ज्यादा फिल्में की हैं। उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से लेकर पद्मश्री और पद्मभूषण तक का सर्वोच्च सम्मान मिल चुका है। तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और 16 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने वाले अमिताभ बच्चन सिर्फ एक्टर ही नहीं, बल्कि प्लेबैक सिंगर और फिल्म प्रोड्यूसर भी हैं। फिल्मों में उनके योगदान को देखते हुए साल 2015 में फ्रांस की सरकार ने भी उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान नाइट ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया। उन्होंने बड़े पर्दे के साथ ही छोटे पर्दे पर भी अपनी उपस्थिति से दर्शकों के दिलों में राज किया है।
बिग बी पर लिखी गईं हैं कई किताबें
फिल्मों के साथ ही राजनीति में भी करियर आजमाने वाले अमिताभ भले ही पॉलिटिक्स में ज्यादा समय नहीं रह पाये हों, लेकिन 8वें लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र इलाहाबाद की सीट से उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री एचएन बहुगुणा को हराया जरूर था। उनके ऊपर कई किताबें लिखी जा चुकी हैं। जिनमें अमिताभ बच्चन : द लिजेंड 1999 में, टू बी ऑ नॉट टू बी: अमिताभ बच्चन 2004 में लिखी गई थी। एबी: द लिजेंड ( ए फोटोग्राफर्स ट्रिब्यूट) 2006 में लिखी गई है। साल 2007 में लुकिंग फॉर द बिग बी: बॉलीवुड, बच्चन एंड मी 2007 और बच्चनानिया 2009 में प्रकाशित हुई है।