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G-20 समिट में शामिल नहीं होंगे अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, दक्षिण अफ्रीका पर लगाए गंभीर आरोप

वॉशिंगटन। अमेरिका ने एक बार फिर से ब्रिक्स देशों के खिलाफ अपनी नीति सख्त कर दी है। चीन के खिलाफ 10 फीसदी टैरिफ, भारतीय मूल के अवैध प्रवासियों को भारत भेजने और ब्राजील को टैरिफ की धमकी देने के बाद अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नई कार्रवाई की गई है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बुधवार को घोषणा की कि वह आगामी G-20 विदेश मंत्रियों की मीटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे, जो फरवरी 2024 में जोहान्सबर्ग में आयोजित होगी।

X पोस्ट में क्या बोले रुबियो?

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं जोहान्सबर्ग में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लूंगा। दक्षिण अफ्रीका बहुत बुरे काम कर रहा है। यह प्राइवेट प्रॉपर्टी पर कब्जा कर रहा है और G-20 का इस्तेमाल एकजुटता, समानता और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए कर रहा है, जो कि मेरे अनुसार DEI (Diversity, Equity and Inclusion) और क्लाइमेट चेंज प्रोग्राम से जुड़ा है।”

उन्होंने यह भी कहा कि “मेरा काम अमेरिका के राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा देना है न कि टैक्स देने वालों का पैसा बर्बाद करना और अमेरिका विरोधी भावना को बढ़ावा देना।”

अमेरिका ने दी फंडिंग की धमकी

दक्षिण अफ्रीका दिसंबर 2024 से नवंबर 2025 तक जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। इसी वजह से इस साल 20-21 फरवरी को जोहान्सबर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। अमेरिका के विदेश मंत्री का इस मीटिंग में शामिल न होना दक्षिण अफ्रीका के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है।

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका को अमेरिकी फंडिंग बंद करने की धमकी दी थी। उनका आरोप था कि दक्षिण अफ्रीका अपनी जमीनों को जब्त कर रहा है और कुछ वर्गों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है। ट्रंप के आरोपों के बाद दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने देश की भूमि नीति का बचाव करते हुए कहा कि सरकार ने किसी भी जमीन को जब्त नहीं किया है।

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