राष्ट्रीय

जम्मू कश्मीर: LG मनोज सिन्हा का आदेश… नए सिरे से बनेगी आरक्षण सूची, 15 नए वर्गों को मिलेगा लाभ

जम्मू-कश्मीर में आरक्षण के लिए पिछले कई सालों से जद्दोजहद कर रहे वर्गों को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दीवाली का तोहफा दिया है। उन्होंने आरक्षण अधिनियम 2004 के तहत 15 नए वर्गों को शामिल करके सामाजिक जाति सूची को फिर से बनाने का आदेश जारी किया है।

इन्हें किया गया है सूची में शामिल

सूची में नए कैटेगरी में जाट, पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी, गोरखा, वाघी, पोनी वालस शामिल हैं। बता दें, जम्मू-कश्मीर सरकार के आरक्षण नियमों के तहत, सरकारी नौकरियों में सामाजिक जातियों को चार प्रतिशत आरक्षण है। जम्मू-कश्मीर सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों पर सामाजिक जाति सूची को फिर से तैयार किया गया है। इसे 2020 में जम्मू-कश्मीर सरकार ने गठित किया था।

नई सूची में वाघे (चोपन), घिरथ/भटी/चांग समुदाय, जाट समुदाय, सैनी समुदाय, मरकबान/पोनीवाला, सोची समुदाय, ईसाई बिरादरी (हिंदू वाल्मीकि से परिवर्तित), सुनार/स्वर्णकार तेली (हिंदू तेली सहित और पहले से मौजूद मुस्लिम तेली), पेरना/कौरो (कौरव), बोजरू/डेकाउंट/दुबदाबे ब्राह्मण गोर्कन, गोरखा, पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी (एससी को छोड़कर) और आचार्य को शामिल किया गया है।

जातियों के नामों में संशोधन

सरकार ने मौजूदा सामाजिक जातियों के नामों में कुछ संशोधन भी किए हैं। अधिसूचना के अनुसार, कुम्हार, जूता मरम्मत करने वालों (मशीनों की सहायता के बिना काम करने वाले), बंगी खाक्रोब (स्वीपर), नाई, धोबी और डूम की जगह क्रमशः कुम्हार, मोची, बंगी खाक्रोब, हज्जाम अतराय, धोबी और डूम्स (एससी को छोड़कर) किया गया है। इसके साथ ही शब्द ‘पहाड़ी भाषी लोग (पीएसपी)’ को ‘पहाड़ी जातीय लो’ के साथ बदला गया है।

अन्य राष्ट्रीय खबरों के लिए यहां क्लिक करें…

संबंधित खबरें...

Back to top button