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अध्यात्म के कारण सोशल मीडिया से दूर रही, जिसका फायदा तैयारी में मिला

नीट के परिणाम घोषित, शहर के विद्यार्थियों ने फहराया परचम

शहर के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के परीक्षा परिणामों में अपना परचम फहराया है। इसमें शहर की समृद्धि सक्सेना ने देश में 598वीं रैंक अर्जित की है। जबकि मनन खंडेलवाल ने 614वीं रैंक, अपेक्षा ठक्कर ने 628वीं और श्रुति जैन ने ऑल इंडिया में 766वीं रैंक बनाई है। सफलता हासिल करने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए परिवार ने सहयोग दिया। किसी ने परीक्षा में तनाव मिटाने के लिए अध्यात्म, मेडिटेशन और योग का सहारा लिया। तो किसी के शिक्षक माता-पिता ने अपने लाल को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही खुद के नोट्स तैयार किए और हर विषय को बराबरी का समय दिया।

नीट के लिए 2 साल से कर रही थी तैयारी

समृद्धि सक्सेना ने नीट में ऑल इंडिया 598वीं रैंक प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि नीट के लिए 2 साल तैयारी कर रही थी। हमारे परिवार में कोई भी मेडिकल फील्ड में नहीं था। पापा का बिजनेस है और मम्मी इकोनॉमिक्स की प्रोफेसर हैं। उन्होंने मुझ पर कभी अपने फैसले नहीं थोपे, जिससे मैं स्वयं अपना निर्णय ले सकी। पिछले कुछ समय से अध्यात्म से जुड़ी हुई हूं तो प्रतिदिन ध्यान लगाती हूं। इससे मेरा पढ़ाई पर फोकस बढ़ा। अध्यात्म से जुड़ने का एक और बड़ा फायदा यह भी हुआ कि सोशल मीडिया से दूर बनी रही, क्योंकि जब आप आध्यात्म से जुड़ जाते हैं, तो जीवन का अर्थ समझ में आने लगता है। इससे मैं मटेरियल वर्ल्ड की बजाए जीवन की सार्थकता तलाशने लगी। प्रतिदिन 7 घंटे की नींद लेती थी। ध्यान करती थी और पढ़ाई करने के साथ भगवद्गीता का पाठ करती थी। 11वीं और 12वीं में मैंने लगातार महाभारत के एपिसोड्स देखे, जिससे मुझे काफी प्ररेणा मिली।

पैरेंट्स ने किया बहुत सपोर्ट

614वीं रैंक प्राप्त करने वाले मनन कहते हैं कि फैमिली के सपोर्ट से ही मेरा नीट क्वालीफाई हो सका। मेरी पापा आकाश एकेडमी में फिजिक्स के लेक्चरर हैं और मम्मी साइंस की टीचर हैं। मुझे परिवार में पढ़ाई का पूरा माहौल मिलता था। मनन ने बताया कि 12वीं की पढ़ाई के साथ नीट की तैयारी आसान नहीं थी। डाउट क्लियर करने के लिए पेरेंट्स देर रात तक जागते थे। कोविड में देखा था कि डॉक्टर्स ने किस तरह से लोगों की जान बचाई थी, तो मुझे लगा कि मुझे भी इसी प्रोफेशन में जाना चाहिए। ये लोगों की सेवा का एक काफी अच्छा माध्यम है।

12वीं के साथ नीट की तैयारी की

अपेक्षा ठक्कर ने ऑल इंडिया 628वीं रैंक प्राप्त की है। अपेक्षा ने बिना ड्रॉप लिए 12वीं की परीक्षा के साथ ही नीट की तैयारी की। उन्होंने बताया कि तैयारी शुरू करने के कुछ महीनों तक मैं बहुत सिली मिस्टेक करती थी। कभी सवाल गलत पढ़ लेती तो कभी उत्तर लिखते समय प्रश्न ही भूल जाती थी। ऐसी गलतियों पर ध्यान देना शुरू किया। कई बार अंक 600 से नीचे भी चले जाते थे, तो निराश नहीं हुई। मेरे पापा ने मुझे सबसे ज्यादा सपोर्ट किया है। मां खुद एक टीचर हैं तो उन्होंने हमेशा मेरा सपोर्ट किया और एक स्टूडेंट के रूप में मुझे बेहतर करने का प्रयास किया।

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