
किसी बीमारी से ज्यादा देश में सड़क दुर्घटनाओं में लोग अपनी जान गंवा देते हैं। जबलपुर जिले में भी पिछले 6 महीनों में हुई सड़क दुर्घटनाओं में सैंकड़ों लोग काल के गाल में समा गए और हजारों घायल हुए। इसे लेकर जबलपुर जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उमेश जोगा ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यातायात दुर्घटनाओं को रोकने एवं दुर्घटनाओं में मृत्यु दर में कमी लाने के उपायों पर चर्चा की और जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए।
जनवरी 2022 से जून 2022 तक हुईं इतनी मौतें
बैठक में जिले की सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े जारी किए गए, जिसके मुताबिक जनवरी से जून के बीच छह माह में 1967 दुर्घटनाएं हुईं हैं, जिनमें 209 व्यक्तियों की मौत हुई और 2048 लोग घायल हुए। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इन आंकड़ों को गंभीरता से लेते हुए दुर्घटनाएं और उनमें होने वाली मौतों को रोकने के लिए जो भी प्रयास हो सकते हैं, वह सब कीजिए। हादसों का वर्गीकरण कर समीक्षा करें और पता लगाएं कि इतनी दुर्घटनाएं किन-किन कारणों से हो रही हैं, जरुरत पड़े तो नियम न मानने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करें।

हर साल कम हो दुर्घटना और मौत का आंकड़ा : एडीजी
इस बैठक में डीआइजी आरआरएस परिहार, एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा, एएसपी यातायात प्रदीप शेंडे, एएसपी दक्षिण संजय अग्रवाल, डीएसपी यातायात सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में एडीजी जोगा ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के द्वारा प्रतिवर्ष गत वर्ष की अपेक्षा दस प्रतिशत दुर्घटनाओं में कमी लाए जाने के उपाय करने के निर्देश हैं। इसलिए हर यातायात दुर्घटना की सही समीक्षा कर उसके कारण, बाहरी फैक्टर्स आदि की जांच कर उन्हें भविष्य में रोके जाने के प्रयास किए जाएं।
जान बचाने वालों को पुरस्कृत करें
एडीजी जोगा ने अंत में कहा कि इस सबके लिए जिला सड़क समिति की बैठक भी लें और सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति की जान बचाने वालों को पुरस्कृत कर प्रमाण पत्र भी दें।
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