
भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ने वाली है। प्रोजेक्ट 75 की पांचवीं पनडुब्बी, यार्ड 11879 भारतीय नौसेना के कलवरी वर्ग ने 1 फरवरी को अपना समुद्री परीक्षण शुरू किया। बता दें कि पनडुब्बी को नवंबर 2020 में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के कान्होजी आंग्रे वेट बेसिन से लॉन्च किया गया था। कमीशनिंग के बाद पनडुब्बी का नाम वागीर रखा जाएगा।
युद्ध क्षमता और बढ़ेगी
जानकारी के मुताबिक, पनडुब्बी अब प्रणोदन प्रणाली, हथियार और सेंसर सहित समुद्र में अपनी सभी प्रणालियों के गहन परीक्षणों से गुजरेगी। बता दें कि इन परीक्षणों के पूरा होने के बाद वर्ष 2022 में पनडुब्बी को भारतीय नौसेना को सौंपने के लिए निर्धारित किया गया है। माना जा रहा है कि इस पनडुब्बी के नौसेना में शामिल होते ही इसकी युद्धक क्षमता और बढ़ जाएगी।
‘5वीं पनडुब्बी का समुद्री परीक्षण एक उपलब्धि’
प्रोजेक्ट 75 की पांचवीं पनडुब्बी को साल के अंत में भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। भारतीय नौसेना ने कहा कि एमडीएल ने 2021 में कोविड महामारी के बीच दो स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की डिलीवरी की। पांचवीं पनडुब्बी का समुद्री परीक्षण एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।