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हे राम! कलयुगी नाना की करतूत, बड़ा होकर प्रॉपर्टी में मांगता हिस्सा इसलिए पोते का कर दिया कत्ल

हेमंत नागले, इंदौर। 8 अप्रैल को क्षिप्रा थान अंतर्गत एक बुजुर्ग नाना ने अपने 4 साल के पोते की हत्या की हत्या कर दी। इस अंधे कत्ल का पुलिस ने आज पर्दाफाश किया है। घटना के वक्त मासूम के नाना ने उसकी मुंह दबाकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया। दरअसल, मासूम अपने नाना के साथ घटना के समय कमरे में सो रहा था, तभी नाना ने चादर से मुंह और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद परिवार के सदस्यों पर ही शक गहराया था कि हत्याकांड में आरोपी घर का ही था।

नाना ने खुद कबूला अपराध

पुलिस पूरी तरह से जान चुकी थी, लेकिन परिवार इस घटना को लेकर दम घुटने से बच्चे की मौत बता रहा था। पुलिस लगातार एक महीने तक परिजनों से पूछताछ करती रही, जिसके बाद अंत में आखिरकार उसके बड़े नाना ने हत्या करना कबूल कर लिया। बड़े नाना को यह लग रहा था कि मासूम बड़ा होकर प्रॉपर्टी का हिस्सा मांग सकता है।

जानें पूरा मामला

ग्रामीण एसपी हितीका वासाल द्वारा बताया गया कि क्षिप्रा थाना क्षेत्र में 8 अप्रैल को श्रेयांश नामक 4 साल के मासूम की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। घटना के बाद पुलिस के पास जैसे ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट पहुंची, पुलिस की शक की सुई मौत से हत्या की ओर पलट गई। जिसके बाद पुलिस लगातार परिवार से पूछताछ कर रही थी। पुलिस की पूछताछ से परिवार परेशान हो रहा था। वहीं 7 वर्षों से पिता सुमित चौधरी और मां नीतू चौधरी अलग रह रहे थे। इस कारण से परिवार को यह भी शक था कि मां द्वारा इस हत्याकांड को रचा गया हो। जहां पर पिता द्वारा लगातार मां नीतू पर भी इस घटना के लिए लगातार आरोप लगाए जा रहे थे और परिवार द्वारा लगातार अन्य व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही थी।

इस वजह से नाना ने पोते को रास्ते से हटा दिया

पुलिस को अचानक यह सुराग मिला कि मृतक के बड़े नाना शोभाराम घटना वाले दिन अपने नाती श्रेयांश के साथ थे और वह उन्हीं के साथ सो रहा था। शोभाराम से जब पुलिस द्वारा पूछताछ की गई तो वह टूट गया और उसने ही बताया कि घटना वाले दिन उसने चादर से मुंह और गला दबाकर श्रेयांश को मार डाला था। उसे लगातार यह चिंता हो रही थी कि उनकी बेटी नीतू जब नौकरी के लिए चली जाती है तो उस बच्चे का ख्याल रखने में शोभाराम को दिक्कत आती है और बड़े होकर शायद श्रेयांश उनसे प्रॉपर्टी का हिस्सा भी मांगे। नाना को लगातार श्रेयांश के लालन पोषण में आर्थिक भार आ रहा था, जिस कारण से उन्होंने श्रेयांश को रास्ते से हटाना ही उचित समझा। मृतक की मां नीतू 2 वर्षों से अपने मायके में ही रह रही थी और खर्चे के लिए जो रुपए लग रहे थे उसका लगातार नाना पर भार था। इस कारण से उन्होंने अपने नाती को रास्ते से हटा दिया।

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