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इंदौर बावड़ी हादसा : हाईकोर्ट ने प्रशासन से 4 सप्ताह में जवाब मांगा, जून में अगली सुनवाई; याचिकाकर्ता बोले- मजिस्ट्रियल जांच संभव नहीं

हेमंत नागले, इंदौर। इंदौर में रामनवमी के दिन बेलेश्वर महादेव मंदिर में हुए हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई थी, जिसको लेकर शहर हाईकोर्ट में तीन अलग-अलग जनहित याचिका लगाई गई थी। जनहित याचिका में निगम कमिश्नर सहित सभी एजेंसियों को आरोपी बनाने के लिए यह याचिका लगाई गई थी। जिसमें इंदौर हाई कोर्ट द्वारा मंगलवार देर शाम शासन प्रशासन से 4 सप्ताह में जवाब मांगा गया है, अब मामले में अगली सुनवाई जून में होगी।

मजिस्ट्रियल जांच होना संभव नहीं!

इस मामले में पूर्व पार्षद दिलीप कौशल द्वारा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है, जिसमें पूरे मामले में यह कहा गया है कि अपर कलेक्टर इस मामले में किसी प्रकार से जांच नहीं कर सकते हैं। क्योंकि, हादसे के दौरान वह भी इंदौर में ही पदस्थ थे और मजिस्ट्रियल जांच होना इसमें संभव नहीं है।

अब किस चीज की जांच करेगा प्रशासन ?

इंदौर के हाई कोर्ट एडवोकेट मनोहर दलाल द्वारा यह याचिका लगाई गई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि बावड़ी हादसे में मजिस्ट्रियल जांच यदि अपर कलेक्टर करते तो अब तक जांच में कुछ सामने आ जाता। लेकिन, हादसे में बावड़ी को ही पूरी तरह से दूर किया गया। अब शासन-प्रशासन किस चीज की जांच करेगा, जब सभी सबूत नष्ट हो चुके हैं।

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