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17 चुनावों में 8 बार भाजपा, 6 बार कांग्रेस जीती, सरताज ने बनाया था भाजपा का गढ़

होशंगाबाद लोस: इस क्षेत्र की सभी 8 विस सीटों पर भाजपा काबिज, 26 को वोटिंग

नरेश भगोरिया- भोपाल। नर्मदा के किनारे बसे होशांगाबाद और नरसिंहपुर जिले की सात और रायसेन जिलें की एक विधानसभा सीट को मिलकर बनता है होशंगाबाद-नरसिंहपुर संसदीय क्षेत्र। यहां के 17 चुनावों का इतिहास देखें तो भाजपा यहां से 8 बार जीती तो कांग्रेस को 6 बार। दो बाद प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और एक बार जनता पार्टी को जीत मिली।

1989 में भाजपा के सरताज सिंह पहली बार यहां से सांसद चुने गए। इसके बाद लगातार तीन बार जीते। फिर सुंदलाल पटवा और उनके बाद फिर सरताज सिंह को सांसद चुना गया। राव उदय प्रताप सिंह ने 2014 में भाजपा की जीत का सिलसिला तोड़ा। इसके बाद वे भाजपा में आ गए और दो चुनाव प्रत्याशी जीते, इस लोस क्षेत्र में 8 विस सीटें हैं, सभी पर भाजपा काबिज है।

इनके कारण यह सीट बनी भाजपा का गढ़

सरताज सिंह : नपाध्यक्ष के रूप में राजनीति शुरू करने वाले सरताज सिंह होशंगाबाद से 3 चुनाव जीत चुके थे, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें 1998 में पहचान मिली जब मप्र के पूर्व सीएम अर्जुन सिंह को हराया। सरताज अटल बिहारी वाजपेयी की 13 दिन की सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहे। वे मप्र के वन और पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर भी रहे।

उदय प्रताप सिंह : राव उदय प्रताप सिंह होशंगाबाद का सबसे ज्यादा बार प्रतिनिधित्व करने वाले दूसरे नेता रहे। वे एक बार कांग्रेस और दो बार भाजपा के प्रत्याशी रहते हुए जीते। राव उदय प्रताप सिंह 2019 के चुनाव में 5 लाख 53 हजार 682 मतों के बड़े अंतर से चुनाव जीते। यह जीत प्रदेश की सबसे बड़ी और देश की 10 सबसे बड़ी जीतों में से एक थी।

इनके बीच 2024 का मुकाबला

दर्शन सिंह चौधरी (भाजपा): मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं दर्शन सिंह की पहचान किसान नेता के रूप में है।

संजय शर्मा (कांग्रेस) : पूर्व विधायक संजय शर्मा नरसिंहपुर जिले के रहवासी हैं। शर्मा अपनी सरल छवि से लोकप्रिय हैं।

जातियों का समीकरण

होशंगाबाद (नर्मदापुरम) जिले में कुर्मी और ब्राह्मण समाज बड़ी संख्या में है। यहां एक ब्लॉक केसला पूरा आदिवासी क्षेत्र है। सोहागपुर, पिपरिया के आसपास में भी आदिवासी हैं। क्षेत्र में राजपूत, गुर्जर, यादव, कलचुरी समाज लगभग बराबर है। नरसिंहपुर जिले में भी समाजों का समीकरण लगभग एक जैसा है ।

10 लोस चुनाव: सबसे ज्यादा बार सरताज जीते

1984   रामेश्वर नीखरा, कांग्रेस
1989   सरताज सिंह , भाजपा
1991   सरताज सिंह ,भाजपा
1996   सरताज सिंह , भाजपा
1998   सरताज सिंह, भाजपा
1999   सुंदरलाल पटवा, भाजपा
2004   सरताज सिंह , भाजपा
2009   उदय प्रताप सिंह, कांग्रेस
2014   उदय प्रताप सिंह, भाजपा
2019   उदय प्रताप सिंह, भाजपा

किसान बोले- भाजपा से नाराज नहीं, नौकरी मुद्दा

पूरे अंचल में भाजपा की हवा है। भगवान राम के मंदिर का निर्माण, धारा 370 हटाने जैसे मुद्दे लोग समझते हैं। एमएसपी अगली बार जरूर यह मिलेगा। किसान भाजपा से नाराज नहीं हैं। -हिम्मत सिंह मुख्तयार, बनखेड़ी

लोकसभा चुनाव में किसान बहुल क्षेत्र में किसानों को एमएसपी नहीं दिए जाने की चर्चा है। जबकि कांग्रेस ने अपने न्याय पत्र में गेहूं, धान पर एमएसपी देने की गारंटी दी है। पक्की नौकरी हमारा मुद्दा है। -विजय बाबू चौधरी,जुझारपुर

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