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हिस्ट्रीशीटर रहे बेटे ने अपनी त्वचा से बनवाई मां के लिए चप्पल, फिर अपने हाथों से ही पहनाई

उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक हिस्ट्रीशीटर रहे शख्स ने अपनी स्किन से मां के लिए चप्पल बनवाई। इतना ही नहीं उसने ये चप्पलें अपने हाथों से ही अपनी मां को पहनाईं।

राम ने बदला हिस्ट्रीशीटर का मन

शहर के चिमनगंज इलाके के ढांचा भवन में रहने वाला 39 साल का रौनक गुर्जर हिस्ट्रीशीटर रह चुका है। उस पर 37 आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2019 में हुए पुलिस एनकाउंटर में उसके पैर में गोली लग गई थी, जिसके बाद से वो चल-फिर तक नहीं पा रहा था। फिर उसने रामायण पढ़ना शुरु की। रौनक को राम से प्रेरणा मिली जो माता-पिता के एक वचन के लिए राजपाट छोड़कर वनवास चले गए थे। इसके बाद रौनक ने संकल्प लिया कि वो अपनी चमड़ी से मां के लिए चप्पल बनवाएंगे। इस बारे में रौनक ने किसी को भी नहीं बताया। वह इसके बाद अस्पताल गया और सर्जरी के जरिए अपनी जांघ की चमड़ी निकलवाई। इस चमड़ी से उसने मां के लिए पादुका (चप्पल) बनवाई।

भागवत कथा के दौरान अपने हाथों से पहनाई चप्पल

सांदीपनि नगर में अखाड़ा ग्राउंड परिसर मे सात दिनी भागवत कथा का आयोजन रौनक गुर्जर ही करा रहे हैं। इसी भागवत कथा के दौरान रौनक गुर्जर ने अपना संकल्प पूरा करते हुए मां के पांव में अपनी चमड़ी से बनी पादुका पहनाई। रौनक की मां निरूला गुर्जर ने बताया कि मुझे बेटे द्वारा लिए गए ऐसे किसी संकल्प की कोई जानकारी नहीं थी।

5 साल पहले रौनक था पुलिस के रडार पर

करीब 5 साल पहले उज्जैन शहर में रौनक गुर्जर ने दहशत मचा दी थी। रौनक ने आपसी विवाद में मोंटू गुर्जर नाम के शख्स को गोली मार दी थी। यही नहीं, उसने रेलवे स्टेशन के पास सपना स्वीट्स के संचालक से भी 5 लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी और न मिलने पर फायरिंग कर दी थी। इसके बाद से रौनक पुलिस की निगाहों में चढ़ गया था।

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