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देश के पहले वोटर श्याम सरण नेगी का निधन, 2 नवंबर को ही डाला था आखिरी वोट; PM ने जताया दुख

स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता श्याम सरण नेगी का शनिवार तड़के निधन हो गया। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर निवासी नेगी 106 साल के थे। आजादी के बाद भारत में 1951-52 में जब पहले आम चुनाव हुए थे तो श्याम सरन नेगी ने ही उसमें सबसे पहले मतदान किया था।

जाते-जाते भी कर गए मतदान

देश के सबसे बुजुर्ग मतदाता श्याम सरन नेगी हाल ही में निर्वाचन अधिकारी को 12-D फॉर्म लौटाकर चर्चा में आए थे। दरअसल, उम्रदराज मतदाता ने यह कहकर चुनाव आयोग का फॉर्म लौटा दिया था कि वह मतदान केंद्र जाकर ही अपना वोट डालेंगे। हालांकि, इसी बीच अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और चुनाव अधिकारियों ने उनके कल्पा स्थित घर जाकर पोस्टल वोट डलवाया।

राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा अंतिम संस्कार

किन्नौर के डीसी ने बताया कि श्याम सरण नेगी का अंतिम संस्कार पुलिस बैंड और पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी और प्रशासन की पूरी टीम उनके घर श्रद्धांजलि देने जाएगी।

PM मोदी ने जताया दुख

पीएम मोदी ने ट्वीट करके नेगी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने श्याम सरन नेगी की सराहना की और उन्हें देश के लोकतंत्र को मजबूत करने की एक अहम कड़ी बताया। उन्होंने लिखा कि नेगी का वोट डालने के प्रति उत्साह हमारे युवा मतदाताओं को प्रोत्साहित करता है।

हिमाचल में 12 नवंबर को होगा मतदान

हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटों के लिए एक ही चरण में 12 नवंबर को मतदान होगा और 8 दिसंबर को मतगणना की जाएगी। इससे पहले 80 साल से ज्यादा उम्र और दिव्यांग वोटर्स की सुविधा के लिए पोस्टल बैलेट पेपर के माध्यम से मतदान करवाया जा रहा है। पहले चरण में यह मतदान 1 से 3 नवंबर हुआ। इसी बीच 2 नवंबर को ही देश के पहले मतदाता नेगी ने अपना वोट डाला।

33 बार वोट डाला

स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता के तौर पर मशहूर नेगी को भारतीय लोकतंत्र का लीविंग लीजेंड भी कहा जाता था। उन्होंने अपने जीवन में 33 बार वोट दिया, बैलेट पेपर से ईवीएम का बदलाव भी देखा।

1951 में डाला था पहला वोट

एक जुलाई 1917 को किन्नौर जिला के कल्पा गांव में जन्में 106 साल के श्याम शरण अपने पुश्तैनी गांव में रहते हैं। 1940 से 1946 तक वन विभाग में गार्ड की नौकरी की। उसके बाद शिक्षा विभाग में चले गए और कल्पा लोअर मिडिल स्कूल में अध्यापक बने। देश में 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ। लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के चलते 6 महीने पहले अक्टूबर 1951 में ही चुनाव हो गए।अक्टूबर, 1951 में नेगी ने पहली बार संसदीय चुनाव में वोट डाला था। इसके बाद उन्होंने एक भी चुनाव में अपनी भागीदारी न छोड़ी न टाली।

कैसे बने देश के पहले वोटर

बता दें कि, चुनाव करवाने में उनकी ड्यूटी शोंगठोंग के मुरंग में लगी थी। उन्हें वोट कल्पा में डालना था, जिसकी वजह से उन्होंने सुबह-सुबह वोट देकर ड्यूटी पर जाने की इजाजत मांगी। सुबह-सुबह ही वह अपने मतदान स्थल पर पहुंच गए। 6:15 बजे मतदान पार्टी पहुंची। उन्होंने जल्दी मतदान करवाने का निवेदन किया। मतदान पार्टी ने रजिस्टर खोल कर उन्हें पर्ची दी। मतदान करते ही इतिहास बन गया और श्याम शरण नेगी आजाद भारत के पहले मतदाता बन गए।

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