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Gyanvapi ASI Survey : ज्ञानवापी में सर्वे जारी, मुस्लिम पक्ष ने किया बायकॉट; सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम ने सर्वे शुरू कर दिया है। इस बार ASI टीम में 61 सदस्य हैं। हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता और वकील भी सर्वे के दौरान परिसर में मौजूद रहेंगे। हालांकि, मुस्लिम पक्ष इस सर्वे में शामिल नहीं हुआ है। वहीं मुस्लिम पक्ष की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।

प्रदेश में हाईअलर्ट

इस बार ASI टीम में पिछली बार की तुलना में 40 सदस्य ज्यादा हैं। 61 सदस्य की टीम यह सर्वे कर रही है। ज्ञानवापी परिसर को 4 ब्लॉक में बांटा गया है, वीडियोग्राफी की जा रही है। ASI के साथ हिंदू पक्ष अंदर गया है, जबकि मुस्लिम पक्ष ज्ञानवापी नहीं पहुंचा। जुमे का दिन होने के चलते प्रदेश में हाईअलर्ट रखा गया है। ज्ञानवापी के आसपास भारी संख्या में फोर्स तैनात की गई है।

वजूखाने का नहीं होगा सर्वे

ASI की टीम वजूखाने और उसमें मिले कथित शिवलिंग का सर्वे नहीं करेगी। क्योंकि ये मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूरे एरिया को सील कर दिया गया है। दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिस परिसर के एडवोकेट कमीशन के सर्वे के दौरान वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था। सर्वे के दौरान वजूखाने से शिवलिंग जैसी आकृति दिखी थी। हिंदू पक्ष ने इसे शिवलिंग तो मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था।

जांच से ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा

26 जुलाई को सुनवाई के दौरान ASI ने कोर्ट में हलफनामा देते हुए कहा था कि जांच से ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का विरोध किया। भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण के अधिकारी आलोक त्रिपाठी ने कहा, ‘सर्वे में प्रॉपर्टी रिकॉर्ड की जाती है। छोटी मशीन से सैंपल बताया जाता है। फोटो में क्लोजअप लिया जाता है।’ सुनवाई में मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मॉर्डन तकनीक से स्ट्रक्चर की जांच की जा सकती है, वो भी बिना नुकसान पहुंचाए।

अगस्त 2021 में शुरू हुआ विवाद

दरअसल, अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिविजन) के सामने एक वाद दायर किया था। उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में बने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजा और दर्शन करने की अनुमति देने की मांग की थी। महिलाओं की याचिका पर जज ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराने का आदेश दिया था, पिछले साल तीन दिन तक सर्वे हुआ था। जिसके बाद हिंदू पक्ष ने यहां शिवलिंग मिलने का दावा किया था।

वाराणसी कोर्ट ने दिया था ASI सर्वे का आदेश

वाराणसी कोर्ट ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद का ASI सर्वे कराने की इजाजत दी। विवादित हिस्से को छोड़ कर पूरे परिसर की ASI सर्वे को मंजूरी मिली। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का विरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने सभी दलीलों को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। दरअसल, वाराणसी के चर्चित श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में 14 जुलाई को मस्जिद का सर्वे कराने की याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई थी। जिसके बाद जिला जज ने ऑर्डर रिजर्व कर लिया था। जज अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए ASI सर्वे का आदेश दिया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वे पर गुरुवार (27 जुलाई) को दोनों पक्षों की दलीलें सुनी थी। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं अब कोर्ट ने आज यानी 3 अगस्त को फैसला सुनाया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद परिसर के भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) के लिए वाराणसी जिला अदालत के 21 जुलाई के आदेश के खिलाफ अंजुमन मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की थी। सुनवाई चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने की थी।  हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही तत्काल रूप से सेशन कोर्ट के आदेश का पालन करने यानी सर्वे शुरू करने का ऑर्डर दिया। याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि, न्यायहित में ASI का सर्वे जरूरी है। कुछ शर्तों के तहत इसे लागू करने की आवश्यकता है।

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