पंजाब में सियासी हलचल जारी है। भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने ‘संयुक्त संघर्ष पार्टी’ नाम से राजनीतिक दल बनाया है। चढ़ूनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नई पार्टी की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजनीति दूषित हो चुकी है, इसलिए इसमें बदलाव की जरूरत है। उनकी पार्टी पंजाब विधानसभा चुनाव में 117 सीटों पर लड़ती नजर आएगी।
Politics has become polluted. There's a need to change it. Policymakers promoting capitalism, policies are being framed to favour capitalists. Nothing is done for common man, the poor. So, we're launching our new party, Sanyukt Sangharsh Party: Farmer leader Gurnam Singh Charuni pic.twitter.com/UfrESwibzx
— ANI (@ANI) December 18, 2021
भारतीय राजनीति दूषित हो चुकी है: चढ़ूनी
गौरतलब है कि संयुक्त कृषि कानूनों के खिलाफ सबसे पहले आंदोलन छेड़ने वाले किसान रहे हैं। वह बीकेयू की हरियाणा यूनिट के प्रमुख हैं। चंडीगढ़ में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चढ़ूनी ने कहा, भारतीय राजनीति दूषित हो चुकी है। इसमें बदलाव की जरूरत है। पॉलिसीमेकर पूंजीवाद को बढ़ावा देने वाले नीति निर्माताओं, पूंजीपतियों के पक्ष में नीतियां बना रहे हैं। आम आदमी, गरीबों के लिए कुछ नहीं किया गया। इसलिए हम नई पार्टी- संयुक्त संघर्ष पार्टी- लॉन्च कर रहे हैं।
दोबारा कृषि बिल ला सकती है भाजपा
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चढ़ूनी ने कहा, हमारा मकसद अमीर होना नहीं है। बीजेपी पांच प्रदेशों में चुनाव जीतती है तो बिल वापस लाएगी। इसलिए हम लड़ने को तैयार हैं। चढ़ूनी ने ऐलान किया कि पंजाब में उनका किसी के साथ गठबंधन नहीं है। उनकी पार्टी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
अफीम की खेती शुरू करने की मांग
बता दें कि गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि पंजाब में अफीम की खेती की शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कृषि में बड़े बदलाव की जरूरत है। खेती की विदेशों में डिमांड हो सकती है। अफीम की खेती शुरू करें तो पंजाब उन्नति कर सकता है। अफीम नशा नहीं है, कमाई भी है। इसे हंसी में न लें।
गुरनाम सिंह चढ़ूनी इस वजह से रहे सुर्खियों में
- गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने यूपी लखीमपुर खीरी उपद्रव मामले में भाजपा कार्यकर्ता के घर योगेंद्र यादव के जाने पर निष्कासित की मांग की थी। उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
- करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज के बाद महापंचायत करके लघु सचिवालय घेराव किया।
- अंबाला शंभू टोल प्लाजा पर समय-समय पर आंदोलनकारियों के बीच जाते रहे।
- सिंघु बार्डर पर भी सक्रिय भूमिका निभाई।
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