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ग्वालियर : जेल भरो आंदोलन को लेकर 5 घंटे चला हाई-वोल्टेज ड्रामा, शहर से 60 किमी दूर राजस्थान-MP बॉर्डर पर हुई सुलह

ग्वालियर। गुरुवार को पूरा दिन पुलिस और प्रशासन जेल भरो आंदोलन रोकने में जुटे रहे। आखिरकार 5 घंटे तक चले ड्रामे के बाद नेताओं और पुलिस-प्रशासन के बीच सहमति बन गई। यह सुलह ग्वालियर से 60 किमी दूर धौलपुर-मुरैना के बॉर्डर पर विधायक अतुल प्रधान, आजाद समाज पार्टी के नेता रवीन्द्र भाटी, भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर रावण और पुलिस एवं प्रशासन के अफसरों के बीच हुई। इसके बाद शहर पहुंचकर चंद्रशेखर रावण ने जेल में बंद गुर्जर आंदोलन के नेताओं के परिजनों से चर्चा की।

दो दिन से हाई-अलर्ट था पूरा शहर

ग्वालियर के मेला ग्राउंड में गुरुवार को होने वाले जेल भरो आंदोलन को लेकर पिछले 48 घंटे से शहर में हाई-अलर्ट था। जिले के कलेक्टर और एसपी ने इस तरह के आंदोलन की कोई भी अनुमति जारी करने से साफ इंकार करते हुए लोगों से ग्वालियर न आने की अपील की थी। इस दौरान पूरे शहर की नाकाबंदी कर दी गई थी। हालांकि, इसके बाद भी कई लोग चकमा देकर ग्वालियर में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें पुलिस ने रोक लिया था।

बॉर्डर पर तीनों को रोका

सुबह इस आंदोलन में शिरकत करने के लिए यूपी के विधायक अतुल प्रधान, भीम आर्मी चीफ़ चंद्रशेखर रावण और आज़ाद समाज पार्टी के मप्र संयोजक रवीन्द्र भाटी सड़क मार्ग से ग्वालियर के लिए रवाना हुए थे। धौलपुर से मुरैना प्रवेश करते ही चंबल पुल पर इन नेताओं और साथ चल रहे एक दर्जन वाहनों के काफिले को रोक लिया गया। गौरतलब है कि विगत 25 सितंबर को गुर्जर सम्मेलन के दौरान शहर में हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद पुलिस ने गुर्जर समाज के कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था। इसी के खिलाफ ये तीनों नेता जेल भरो आंदोलन में शामिल होने ग्वालियर जा रहे थे।

कलेक्टर और एसपी पहुंचे मुरैना

इन नेताओं की मुरैना पुलिस से चर्चा के बाद मौके पर ग्वालियर से कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और एसपी राजेश सिंह चंदेल पहुंचे। इस दौरान तकरीबन 4 घंटे तक चली चर्चा के बाद दोनों पक्षों में सहमति बन गई। नेताओं ने अफसरों को अपना मांग पत्र सौंपा, जिस पर पुलिस और प्रशासन ने इसे शासन स्तर पर भेजने और जल्द कार्यवाही की बात कही। इसके बाद विधायक प्रधान और असपा नेता भाटी वापस लौट गए।

इस चर्चा के दौरान चंद्रशेखर रावण ग्वालियर जेल में बंद गुर्जर आंदोलन के नेताओं के परिवार के लोगों से मिलने की जिद पर अड़ गए। आखिरकार कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह अपनी गाड़ी में रावण को पुरानी छावनी स्थित होटल लेकर पहुंचे। यहां रावण ने जेल में बंद नेताओं के परिजनों से मुलाकात की और आश्वस्त किया कि उनके साथ किसी भी हाल में गलत नहीं होने दिया जाएगा।

पुलिस और प्रशासन ने ली राहत की सांस

तकरीबन एक घंटे तक परिजनों से चर्चा के बाद रावण भी वापस लौट गए। इसके बाद पुलिस और प्रशासन के अमले ने राहत की सांस ली। एसपी राजेश सिंह चंदेल के अनुसार आंदोलन करने वाले नेताओं से चर्चा के बाद वे मान गए और उन्होंने कुछ मांगे रखी हैं। इन मांगों का शासन से चर्चा कर निराकरण किया जा रहा है।

ये रखी गई मांगे

  1. गुर्जर आंदोलन में गिरफ्तार लोगों को तत्काल छोड़ा जाए। उनके खिलाफ संगीन धाराओं में अपराध खारिज करें।
  2. इस केस में कोई नई गिरफ्तारी ना हो।
  3. सभी 700 अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं।
  4. प्रदर्शनकारियों के जब्त वाहन वापस किए जाएं।
  5. भिंड के बोरेश्वर मंदिर पर लिखा गुर्जर प्रतिहार शब्द वापस लिखा जाए।
  6. आकाश गुर्जर के एनकाउंटर की जांच कर परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए।

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