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10 दिन, 8 जिलों में 14 खुले बोरवेल की शिकायतें, इनमें से 4 बंद कराए

मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद कार्रवाई में आई तेजी

पुष्पेन्द्र सिंह-भोपाल। रीवा की त्यौंथर जनपद पंचायत में 14 अप्रैल एक बच्चे की खुले बोरवेल में गिरने से हुई मौत के बाद प्रदेशभर में कार्रवाई प्रारंभ हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सख्ती के बाद सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें दर्ज होने लगी हैं। बीते 10 दिन में आठ जिलों में ही 14 खुले बोरवेल होने की शिकायतें मिली हैं। इनमें से 4 बोरवेल बंद करा दिए गए हैं। सबसे ज्यादा पांच खुले बोरवेल रीवा जिले में सामने आए हैं।

प्रदेश में खुले में बोरवेल होने की शिकायतों के लिए मप्र इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम के माध्यम से पोर्टल भी प्रारंभ कर दिया गया है। सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में कोई भी व्यक्ति अपने इलाके में खतरे वाले बोरवेल की सूचना दे सकता है। इसी क्रम में इंदौर और विदिशा में दो-दो और छिंदवाड़ा, बालाघाट, भोपाल, सतना और सीधी में एक-एक शिकायत मिली है। वहीं दमोह जिले में बिना शिकायतों के 11 बोरवेल बंद करा दिए गए हैं। इंदौर में कलेक्टर ने खुले बोरवेल की शिकायत करने पर 10 हजार के इनाम की घोषणा की है। इंदौर प्रशासन ने कहा है कि खुले बोरवेल मिलने पर तुरंत कार्रवाई होगी।

चुनाव के बाद सरकार बना सकती है सख्त कानून

जानकारी के अनुसार, लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में खुले बोरवेल को लेकर सरकार सख्त कानून बना सकती है। इसके संकेत मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों दिए हैं। हालांकि दो साल पहले तत्कालीन गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि ऐसा कानून लाएंगे, जिसमें सजा और जुर्माने का प्रावधान होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि जिस भूमि स्वामी के बोरवेल में कोई बच्चा गिरता है, बचाव ऑपरेशन के दौरान किए गए खर्च को उसी जमीन मालिक से वसूला जाएगा।

पोर्टल में अब तक प्रदेश भर से मिलीं शिकायतें

कुल प्राप्त शिकायतें  14
निराकृत                  04
लंबित                     10

किस जिले में कितनी शिकायतें आईं

  • रीवा-5
  • इंदौर, विदिशा-4
  •  छिंदवाड़ा, बालाघाट, भोपाल, सतना, सीधी-5

दमोह जिले में अब तक 11 बोरवेल बंद करा दिए गए हैं। ज्यादातर बोरवेल निजी भूमि पर होने की जानकारी मिली थी। भूमि स्वामियों को हिदायत भी दी जा रही है कि शिकायतें मिलने पर उनके खिलाफ नियमों और प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। – सुधीर कोचर, कलेक्टर, दमोह

डिंडौरी जिले में करीब दौ सो छोटे-बड़े बोरवेल बंद करा दिए गए हैं। हर पंचायत और जनपद स्तर पर निर्देश हैं कि जहां कहीं भी बोरवेल खुले में मिलें, उन्हें तत्काल बंद कराया जाए। प्रशासन इस काम में मुस्तैदी से जुटा हुआ है। खुले बोरवेल बंद कराना प्राथमिकता है। – विकास मिश्रा, कलेक्टर, डिंडौरी

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