
पंजाब न्यूज| पंजाब के 101 किसान दोपहर 12 बजे शंभू बॉर्डर से पैदल दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर रोक दिया। यहां पुलिस और किसानों के बीच बहस शुरू हो गई। पुलिस ने जब किसानों को कहा कि बिना परमिशन वे दिल्ली नहीं जा सकते तो किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। इसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिससे वे पीछे हट गए। करीब एक घंटे बाद जब किसान फिर दीवार के पास पहुंचे, तो पुलिस ने दोबारा आंसू गैस छोड़े। इस दौरान बठिंडा के एक किसान को चोटें भी आईं।
पुलिस ने किसानों पर लगाया गंभीर आरोप
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि उन्होंने 101 किसानों की लिस्ट जारी की है। दूसरी ओर, हरियाणा पुलिस का कहना है कि पहले किसानों की पहचान की जाएगी और फिर उन्हें आगे बढ़ने देंगे। किसानों की दी गई लिस्ट में उनके नाम सही नहीं हैं और वे अपनी असली पहचान नहीं दे रहे। पुलिस ने यह भी आरोप लगाया कि किसान अपने साथ हथियार लेकर आए हैं।
फिर दागे गए आंसू गैस के गोले
हरियाणा पुलिस द्वारा दागे गए आंसू गैस के गोलों से एक किसान घायल हो गया, जिसकी पहचान बठिंडा के रेशम सिंह भगता के भाई के रूप में हुई है। गंभीर स्थिति होने पर उसे पटियाला के राजपुरा अस्पताल रेफर किया गया। दो दिन पहले भी आंसू गैस के गोलों से 8 किसान घायल हुए थे। घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है।
क्या चाहते हैं किसान
हरियाणा और पंजाब पुलिस ने मीडिया को दूर से कवरेज करने की सलाह दी है। किसान MSP, कर्ज माफी और पेंशन जैसी 13 मांगों को लेकर 13 फरवरी से प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ने उनके मार्च को अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इस प्रदर्शन को देखते हुए, हरियाणा के गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर के पास अंबाला के 11 गांवों में इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश दिया था।
ये हैं किसानों की 13 मांगें;
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को दोबारा लागू किया जाए।
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए।
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले।
- मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए।
- सभी फसलों की MSP पर खरीद की गारंटी का कानून बने।
- संविधान की 5 सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए।
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से कीमत तय हो।
- डीएपी खाद की कमी को दूर किया जाए।
- किसान-खेत मजदूरों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए।
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां व खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए।
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपए दिहाड़ी दी जाए।