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Earthquake: उत्तराखंड के कई इलाकों में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 4.5 रही तीव्रता

उत्तराखंड के कई शहरों में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके इतने जोरदार थे कि लोग घर से बाहर निकल आए। जानकारी के मुताबिक, सुबह करीब 8:33 बजे राजधानी देहरादून, उत्तरकाशी, बड़कोट, टिहरी और मसूरी में लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। फिलहाल भूकंप से किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।

कहां था भूकंप का केंद्र

देवभूमि उत्तराखंड के उत्तरकाशी और टिहरी जिलों में आज सुबह 8 बजकर 33 मिनट पर भूकंप आया था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गई। इस भूकंप का असर भारत और चीन दोनों देशों में हुआ है। इसका केंद्र उत्तरकाशी से 17 किमी दूर 5 किलोमीटर गहराई में था।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

भूकंप के केंद्र का क्या मतलब है ?

भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से धरती हिलने लगती है। इस स्थान पर या इसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप का असर ज्यादा होता है।

मध्य प्रदेश में भी आया था भूकंप

हाल ही में 1 नवंबर को मध्य प्रदेश के जबलपुर समेत आस-पास के कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इनकी तीव्रता 4.3 मापी गई थी। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, एमपी में ये भूकंप भी सुबह करीब 8 बजकर 43 मिनट पर महसूस किए थे। इनका केंद्र पचमढ़ी से 216 किमी दूर 10 किमी गहराई में था।

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कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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