
इंदौर। अपने खान-पान के लिए मशहूर इंदौर ने प्रवासियों की मेहमानवाजी में कोई कसर नहीं रखी। तीन दिनों तक चलने वाले इस आयोजन के लिए सरकार ने 8 और 9 जनवरी को सुबह नाश्ते से लेकर डिनर तक के लिए जबरदस्त इंतजाम किए हैं। 3,000 लोगों का नाश्ता, इतने ही लोगों के लिए लंच और फिर रात के खाने का बंदोबस्त है।
इस सम्मेलन में भले ही 70 से अधिक देशों के प्रवासी भारतीय पहुंचे हैं, लेकिन खानपान का बंदोबस्त शुद्ध-शाकाहारी है। पहले दिन लंच में करीब 20 तरक के पकवान प्रवासियों को परोसे गए। यह सभी भारतीय पकवान थे।
5 तरह की सब्जियां, तीन दालें देसी घी के साथ रोटी
भुट्टे के भजिये, हींग कचोरी और दही गुजिया के साथ स्टॉल्स पर सब कुछ शाकाहारी था। पांच तरह की सब्जियां, तीन दालों के साथ तवे की घी लगी रोटियां मेहमानों को खूब पसंद आईं। आयोजन स्थल पर रामभाजी की जबरदस्त ब्रांडिंग रही। हो भी क्यों नहीं, यह देवभोग जो है। अतिथि देवो भव की परंपरा को निभाते हुए सरकार ने मेहमानों को देवभोग खिलाया। लंच के लिए लगे टेबलों में इसकी खासियत भी बताई गई है। यहां खानपान का बंदोबस्त देख रही कंपनी के कारीगर बताते हैं कि रामभाजी 36 सब्जियों के मेल से बनता है। यह देवों का भोग है जो अन्नकूट (दिवाली के अगले दिन होने वाले देव भोज) में बनाई जाती है। यह 36 सब्जियों और मसालों के मिश्रण से तैयार होती है। इसकी ब्रांडिंग के लिए जगह-जगह फ्लैक्स लगाकर जानकारी भी दी गई।
खाने के साथ नृत्य-गीत का भी लुत्फ
दोपहर में गुनगुनी धूप के बीच लंच के साथ संगीत और डांसर्स की परफॉर्मेंस साथ-साथ थी, तो भोजन के बाद लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी लुत्फ उठाया। ग्राउंड के एक ओर लगे सॉफ्ट ड्रिंक्स स्वाद भी प्रवासी भारतीयों को खूब भाए। यहां खानपान का इंतजाम एक निजी कैटरर्स के हवाले है। इनमें से एक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सभी मेहमानों के लिए खाने का इंतजाम करने इंदौर के अलावा अलग-अलग राज्यों से शेफ बुलाए गए हैं। मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान से भी शेफ यहां पहुंचे हैं।
10 को होगा समापन
सम्मेलन के आखिरी दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रवासियों को सम्मानित करेंगी। इस दिन सुबह का ही कार्यक्रम है, इसलिए लंच की व्यवस्था नहीं की गई है। सुबह 3 हजार लोगों के लिए नाश्ते का बंदोबस्त किया गया है।