भोपालमध्य प्रदेश

नहीं रहे फिल्म समीक्षक जय प्रकाश चौकसे, पिछले हफ्ते लिखा था ये आखिरी लेख

मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक जय प्रकाश चौकसे का बुधवार सुबह निधन हो गया। उन्होंने 83 साल की उम्र में इंदौर में अंतिम सांस ली। बता दें कि वे पिछले काफी समय से कैंसर से पीड़ित थे। गौरतलब है कि लोग उन्हें सिनेमा का इनसाइक्लोपीडिया कहते थे।

पिछले हफ्ते लिखा था आखिरी लेख

जानकारी के मुताबिक, पिछले हफ्ते उन्होंने अपने लोकप्रिय कॉलम ‘परदे के पीछे’ में अंतिम लेख लिखा था। जिसकी हेडलाइन कुछ इस प्रकार थी- प्रिय पाठकों… यह विदा है, अलविदा नहीं, कभी विचार की बिजली कौंधी तो फिर रूबरू हो सकता हूं, लेकिन संभावनाएं शून्य हैं’।

कई उपन्यास और कहानियां भी लिखीं

मशहूर फिल्म समीक्षाक जय प्रकाश चौकसे ने कई उपन्यास लिखे। जिसमें ‘ताज बेकरारी का बयान’, ‘महात्मा गांधी, सिनेमा, और ‘दराबा’ शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने कई कहानियां भी लिखीं। उनकी कहानियों में ‘मनुष्य का मस्तिष्क’ और ‘उसकी अनुकृति कैमरा’, ‘उमाशंकर की कहानी’, ‘कुरुक्षेत्र की कराह’ शामिल हैं।

सीएम शिवराज ने जताया दुख

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर दुख जताया। लिखा- अद्भुत लेखन प्रतिभा के धनी, हिंदी फिल्म जगत पर लगभग तीन दशक तक लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार जयप्रकाश चौकसे जी के निधन की खबर दुखद है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अपनी रचनाओं से आप सदैव हमारे बीच बने रहेंगे। ऊँ शांति।

उनकी कमी सदैव खलेगी : नरोत्तम मिश्रा

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। लिखा- जयप्रकाश चौकसे जी लगभग तीन दशक तक अपने नियमित स्तंभ के माध्यम से सिनेमा पर हमारी जानकारियों को समृद्ध करते रहे। सिनेमा पर प्रमाणिक लेखन के क्षेत्र में उनकी कमी सदैव खलेगी। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे और परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति दे। ऊँ शांति।

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