
झारखंड पुलिस के लिए लंबे समय से चुनौती बना कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना मंगलवार सुबह पलामू जिले में हुई, जब रांची पुलिस की टीम उसे रायपुर से पूछताछ के लिए रांची ला रही थी।
कैसे हुआ एनकाउंटर?
रास्ते में पलामू के रामगढ़ इलाके में पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसी मौके का फायदा उठाकर अमन साहू ने पुलिस का हथियार छीन लिया और भागने लगा। पुलिस ने जब उसे रोकने की कोशिश की, तो उसने फायरिंग कर दी। इसके जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई और मुठभेड़ में अमन साहू मारा गया।
कौन है अमन साहू?
अमन साहू रांची के ठाकुरगांव के मतबे गांव का रहने वाला था। वह पहले एक हार्डकोर नक्सली था, लेकिन 2013 में उसने अपना गैंग बना लिया। उसके खिलाफ झारखंड में हत्या, रंगदारी, एक्सटॉर्शन जैसे 100 से ज्यादा मामले दर्ज थे। सोशल मीडिया पर भी वह हथियार लहराते हुए तस्वीरें पोस्ट करता था।
यूपी के गैंगस्टरों की तरह हुआ एनकाउंटर
अमन साहू का एनकाउंटर यूपी पुलिस के स्टाइल में किया गया। इससे पहले यूपी में गैंगस्टर विकास दुबे और अतीक अहमद के बेटे असद को भी इसी तरह मारा गया था।
डीएसपी पर हमले सहित कई संगीन अपराधों में था शामिल
एनआईए की जांच के मुताबिक, अमन साहू का गिरोह झारखंड में कई बड़े अपराधों में शामिल था। उसने एक डीएसपी पर गोलीबारी की थी और ठेकेदारों व व्यापारियों से रंगदारी वसूली करता था। इसके अलावा, उसने झारखंड से बाहर भी कई नक्सली और आपराधिक गिरोहों से संबंध बनाए थे।
डीजीपी ने पहले ही दिए थे कड़े संदेश
एनकाउंटर से एक दिन पहले ही झारखंड पुलिस के डीजीपी ने विधानसभा में कहा था कि उग्रवादियों और अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस बयान के ठीक बाद पुलिस ने अमन साहू को ढेर कर दिया।
मौके पर सीनियर अधिकारी नहीं थे मौजूद
जब यह एनकाउंटर हुआ, तब वहां कोई सीनियर अधिकारी मौजूद नहीं था। पुलिस टीम में केवल एसटीएफ के जवान थे, और एक दरोगा ने गोली चलाई, जिससे अमन साहू मारा गया।
अमन साहू का एनकाउंटर झारखंड पुलिस के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है। इससे राज्य में अपराध और उग्रवाद के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई का एक कड़ा संदेश गया है।
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