
भारत में कोरोना के मामलों में भारी गिरवाट आई है। लोगों ने राहत की सांस ली है। चीन सहित कई अन्य देशों में फिर से कोरोना की बढ़ती लहर को देखते हुए सरकार बूस्टर डोज सभी वयस्कों को देने की तैयारी कर रही है। बता दें कि इस वक्त स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर डोज दिया जा रहा है।
ये भी पढ़ें: कोरोना अलर्ट: भारत में आ सकती है चौथी लहर…जानें कितनी हो सकती है खतरनाक, एक्सपर्ट ने की ये भविष्यवाणी
इस कारण सरकार कर रही विचार
सूत्रों के अनुसार, कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा में आने वाली परेशानियों को मद्देनजर रखकर सरकार 18 साल से अधिक आयुवर्ग के सभी लोगों को बूस्टर डोज देने की अनुमति पर विचार कर रही है। बता दें कि देश में 12-14 साल के आयुवर्ग के बच्चों को वैक्सीन 16 मार्च से लगनी शुरू हो गई है। वहीं टीकाकरण अभियान का पहला चरण 16 जनवरी 2021 को शुरू किया गया था।
भारत में 22 जून तक आएगी चौथी लहर
कानपुर आईआईटी ने अपनी स्टडी में भारत में 22 जून तक चौथी लहर शुरू होने का दावा किया है। अब तक देश में 180 करोड़ से ज्यादा कोरोना टीके लगाए जा चुके हैं। हालांकि माना जा रहा है कि अब आने वाली लहर पहले के मुकाबले कमजोर ही होगी। इसकी एक वजह बड़े पैमाने पर लोगों का टीकाकरण होना है।
ये भी पढ़ें: Lockdown in China : 90 लाख की आबादी वाले इस शहर में लगा लॉकडाउन, चीन में अब नए वायरस का प्रकोप
ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट ने फिर बढ़ाई टेंशन
बता दें कि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के सब वैरिएंट BA.2 के कारण चीन, हॉन्ग कॉन्ग, साउथ कोरिया समेत यूरोप के अन्य देशों में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़े हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इस सब वैरिएंट को ज्यादा संक्रामक बताया है। हालांकि यह ज्यादा गंभीर नहीं बताया जा रहा है। भारत में भी कई डॉक्टर्स ने कोरोना की चौथी लहर की आशंका जाहिर की है। लोगों को इस बात की टेंशन है कि अगर भारत में भी तेजी से मामले बढ़ने लगे तो क्या स्थिति होगी।
हॉन्गकॉन्ग में हर दिन मिल रहे 22,000 केस
जानकारी के मुताबिक, हॉन्गकॉन्ग में रोजाना औसतन 22,000 केस सामने आ रहे हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के डेटा के मुताबिक, हॉन्गकॉन्ग की मृत्युदर अमेरिका के पीक से 3 गुना है। यहां नए संक्रमितों के मुकाबले मृत्युदर 1.4% है, जो दुनिया की 0.28% मृत्युदर से 5 गुना है। जबकि, सबसे ज्यादा 3.85 लाख केस दक्षिण कोरिया में मिल रहे हैं, लेकिन वहां मृत्युदर सिर्फ 0.08% ही है।