जबलपुरमध्य प्रदेश

40 साल से पानी का इंतजार कर रहे किसानों ने निकाली ‘विकास’ की शव यात्रा, कहा- हमारी न सुनी तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे

चीकू प्रजापति, पिण्डरई। अर्थी पर पड़ा यह शव ‘विकास’ का है। तस्वीर आदिवासी बहुल मंडला के नैनपुर विकासखंड की है। इसमें अर्थी पर दिख रहा विकास दरअसल वही विकास है, जो कागजों पर ही दिखता है। सरकारें जिसका प्रचार-प्रसार कर रही हैं। लेकिन, आम जनता को यह कहीं नजर नहीं आया तो लोगों ने इसकी शवयात्रा निकाल दी। यह यात्रा किसानों ने निकाली। यहां की तमाम ग्राम पंचायतों से मिलकर यह 60 किमी की शव यात्रा निकाली गई है। इसका समापन 24 फरवरी 2023 को मंडला जिला मुख्यालय में होगा।

यात्रा में चल रहे किसाानों का कहना है कि सरकार जहां हर घर नल से जल पहुंचाने का दावा कर रही है, लेकिन हम तो पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। बांध के नजदीक तट पर बसे किसानों को पिछले 40 साल से पानी का इंतजार है। दरअसल, मंडला विधानसभा में थावर बांध परियोजना है। यहां से बांध के सेंट्रल जोन में कैनाल का निर्माण किया गया है, लेकि अंतिम छोर के किसानों को इसके पानी का फायदा नहीं मिल रहा है।

नहीं हो पाती है फसलों की सिंचाई

थावर बांध के पूर्वी तट पर बसे पठार के तमाम गांवों को बांध का पानी नहीं मिल रहा है। इस वजह से वे अपनी फसलों की सिंचाई भी नहीं कर पाते। कई बार किसानों ने चक्काजाम किया, धरना दिया। लेकिन, इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। किसानों के सूखते खेतों को बचाने के लिए नहर निर्माण संघर्ष समिति ने 60 किलोमीटर पैदल चलकर विकास की शव यात्रा निकाली है।

नहर निर्माण संघर्ष समिति का आरोप है कि नहर निर्माण के लिए 9.93 करोड़ का टेंडर हुआ था। इसमें रेलवे, वन विभाग की एनओसी भी नहीं है और किसानों की जमीनों का उचित मुआवजा देने का भी प्रावधान नहीं है। इस वजह से ठेकेदार टेंडर भरने से कतरा रहे हैं। इससे पहले नहर की अनुमानति लागत 14 करोड़ तय की गई थी, जिसे बाद में घटा दिया गया। इससे ठेकेदार भी पीछे हट रहे हैं।

सांसद-विधायक नहीं सुन रहे बात

पानी की किल्लत से जूझ रहे मंडला विधानसभा के किसान कई वर्षों से नहर निर्माण की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते यहां से सांसद और देवसिंह सैयाम यहां से विधायक हैं। बावजूद इसके किसानों को इस तरह शव यात्रा निकालनी पड़ रही है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के आई टी सेल के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश गोंड ने कहा कि सरकार को किसानों की समस्याओं से कोई फर्क नहीं पड़ता। बांध का पानी मिल सकता है, फिर भी किसान निजी साधन से सिंचाई करने को मजबूर हैं। जिनके पास साधन नहीं हैं, उनके खेत सूखे पड़े हैं।

नेताओं को गांव में घुसने नहीं देंगे

पिंडरई नगर के प्रकाश सिंह लाल कहते हैं कि हमारी मांग है कि सरकार वर्तमान लागत बढ़ाकर नया टेंडर जारी करे, जिससे नहर निर्माण कार्य सुचारू रूप से हो सके। उन्होंने कहा कि समस्या का हल नहीं हुआ तो हम आने वाले विधानसभा चुनावों का विरोध करेंगे। गांव में राजनीतिक पार्टियों का प्रवेश बंद कराएंगे।

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