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5 फसलों पर MSP नहीं…23 फसलों पर, सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हुए किसान ने दिया अल्टीमेटम, मीटिंग करके रणनीति बनाएंगे, 21 फरवरी को दिल्ली कूच

नई दिल्ली। किसान आंदोलन के बीच सरकार ने रविवार को चौथे दौर की बातचीत में किसानों को कुछ फसलों पर MSP देने का प्रस्ताव रखा था। किसानों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। किसान संगठनों ने शंभू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इसके बारे में जानकारी दी। इस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने केंद्र के प्रस्ताव को 5 फसलों को खारिज करते हुए 23 फसलों पर MSP की गारंटी मांगी है। किसानों का कहना है कि सरकार के प्रस्ताव में दम नहीं है। इसलिए हम सरकार को मंगलवार तक का अल्टीमेटम दे रहे हैं। किसानों ने कहा है कि वे 21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे।

किसानों ने सरकार को बताया MSP में राशि लगाने का फार्मूला

सोमवार की शाम किसानों ने शंभू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें किसानों ने जानकारी देते हुए बताया, हमने किसान संगठनों के साथ बैठक कर सरकार के प्रस्ताव पर विचार किया। सरकार के प्रस्ताव में किसानों के लिए कुछ नजर नहीं आया। इसे ध्यान से देखें तो सरकार का कहना है कि अगर MSP की गारंटी देती है, तो हमारा डेढ़ लाख करोड़ रुपए खर्च होगा। लेकिन संस्था के मुताबिक, अगर सरकार सभी फसलों पर MSP देती है तो इसमें एक लाख 75 हजार करोड़ रुपए में काम चल जएगा। अगर सरकार इतना पैसा लगा रही है, तो सरकार को सभी फसलों पर MSP देने में क्या दिक्कत है।

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सरकार के प्रस्ताव से कोई फायदा नहीं : किसान नेता

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारी सरकार बाहर से 1.75 लाख करोड़ रुपए का वनस्पति तेल मंगाती है। ये बीमारी का कारण बनते जा रहा हैं। अगर यह रुपया देश के किसानों को MSP देने के लिए खर्च करें, तो उसे आसानी से काम बन सकता है। यानी सरकार पर अलग से कोई बोझ नहीं पड़ेगा। सरकार ने ये कहा कि वह कुछ फसलों पर MSP देंगे। लेकिन उसकी भी कई सीमाएं हैं। इन सभी बातों से यह निकलकर आता है कि इससे किसानों का कोई फायदा नहीं है।

23 फसलों पर MSP की घोषणा करें सरकार : किसान नेता

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किसानों की मांग को रखते हुए आगे कहा, हमारी मांग है कि सरकार 23 फसलों पर MSP की घोषणा करें। इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए हमने ये फैसला किया है कि सरकार का प्रस्ताव किसानों के हक में नहीं है। इसलिए हम इस प्रस्ताव को खारिज करते हैं।

सरकार की नीयत में खोट : सरवन सिंह पंढेर

प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने सरकार के प्रस्ताव को ठीक से समझा, सरकार की नीयत में खोट है। अगर उनकी नीयत साफ होती, तो वे ऐसा नहीं करते। हमारी मांग क्लियर है, हमें सभी फसलों पर MSP चाहिए।

सरकार को देना है किसानों के इन सवालों के जवाब

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरवन सिंह पंढेर ने आगे कहा, अब सरकार को बताना है कि वो कर्ज माफी के मामले में क्या फैसला लेंगे। दूसरा, सरकार को सभी फसलों पर MSP देनी है कि नहीं। लेकिन, एक बात तो साफ है कि सरकार किसानों को लेकर सीरियस नहीं है। सरकार के मंत्री बैठक का जो समय देते हैं उससे 3-4 घंटे बाद आते हैं।

पंजाब सरकार भी आई घेरे में

इसके अलावा पंढेर ने आगे कहा कि हाल ही में बॉर्डर पर हमारे एक किसान साथी शहीद हुए। पंजाब सरकार का अभी तक उसे लेकर कोई बयान सामने नहीं आया। हमारी मांगे हैं कि सरकार मृतक किसान के परिवार को मुआवजे के साथ एक सरकारी नौकरी दें। पंजाब में जिस तरह से सात जिलों में इंटरनेट बंद किए गए हैं, उन्हें इसके बारे में सही जानकारी देनी चाहिए। पंजाब में इंटरनेट बंद नहीं होना चाहिए। इससे बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है।

21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे किसान

किसानों ने अपनी अगली रणनीति के बारे में बात करते हुए मीडिया को बताया कि हम 21 फरवरी को 11 बजे दिल्ली कूच शुरू करेंगे। हम सरकार से अपील करते हैं कि हमारी मांगे मान लें। हमें बैरिकेडिंग लगाकर रोका जा रहा है, हम भी इसी देश के नागरिक हैं, हमें शांति से आंदोलन करने दिया जाए।

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हमें शांति से आंदोलन करना है : किसान

किसान नेता ने कहा कि वे बातचीत के लिए हमेशा सरकार का साथ देंगे। हम सरकार से कहना चाहेंगे कि हमारी मांगों को मानें या फिर शांति से आंदोलन को करने दें। किसान नेताओं ने किसानों से भी अपील करते हुए कहा कि हमें शांति से आंदोलन करना है।

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