
कोटा। राजस्थान के कोटा में रविवार को NEET की तैयारी कर रहे दो छात्रों ने सुसाइड कर लिया। जिला प्रशासन ने बढ़ते सुसाइड केस के कारण सभी कोचिंग सेंटर्स से अगले 2 महीने तक एग्जाम्स पर रोक लगा दी है। वहीं इस साल कोटा में मरने वाले छात्रों की संख्या 22 हो गई है।
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एक ने बिल्डिंग से लगाई छलांग, दूसरा फांसी पर लटका
पुलिस के मुताबिक, आविष्कार शंबाजी कासले (17) ने जवाहर नगर में अपने कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग की छठी मंजिल से रविवार दोपहर करीब 3.15 बजे छलांग लगा ली। वो लातूर (महाराष्ट्र) के रहने वाले था और इंस्टीट्यूट का टेस्ट देने के बाद उसने यह उठाया। वो कोटा के तलवंडी इलाके में 3 साल से रह रहा था और NEET की तैयारी कर रहा था।
कासले की मौत के कुछ ही घंटों बाद रात करीब 7 बजे कुन्हाड़ी के लैंडमार्क एरिया में रहने वाले कोचिंग छात्र आदर्श राज (18) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आदर्श बिहार के रोहिताश्व जिले का रहने वाला था। स्टूडेंट नीट की तैयारी के लिए 4 महीने पहले ही कोटा आया था और लैंडमार्क एरिया में भाई-बहन के साथ फ्लैट लेकर रह रहा था।
दो महीने तक टेस्ट पर रोक
12 अगस्त को कोटा कलेक्टर ओपी बुनकर ने गाइडलाइन जारी कर कोचिंग संचालकों को सख्त हिदायत दी थी कि, संडे के दिन कोई टेस्ट नहीं करवाएं जाएं। इसके बावजूद भी टेस्ट को लेकर रविवार के दिन ही दो छात्रों के सुसाइड के मामले सामने आए हैं। घटना के बाद कलेक्टर ओपी बुनकर ने आदेश जारी कर कहा कि, अब कोई भी कोचिंग संस्थान दो महीने तक बच्चों के कोचिंग टेस्ट नहीं लेगा।