कोरोना वाइरसताजा खबरराष्ट्रीयस्वास्थ्य

COVID-19 JN.1 : दिल्ली में कोरोना के JN.1 सब वैरिएंट की दस्तक, पहला केस सामने आया, जीनोम सिक्वेंसिंग में हुई पुष्टि

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस के नए सब वैरिएंट JN.1 ने दस्तक दे दी है। कोविड-19 के उपस्वरूप जेएन.1 का पहला मामला सामने आया है। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि आज कोविड-19 के 9 नए मामले आने के साथ दिल्ली में 35 से अधिक उपचाराधीन मरीज हैं। उन्होंने बताया कि पहले से कई बीमारियों से ग्रसित 28-वर्षीय एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई, जिसका प्राथमिक कारण कोविड नहीं था। वह व्यक्ति दिल्ली का नहीं था और उसे हाल में एक निजी अस्पताल में भेजा गया था। उसे कई अन्य बीमारियां थीं और जांच में कोविड का पता चला था। व्यक्ति का नमूना जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट का इंतजार है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी जानकारी

स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कई सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे और उनमें से एक में जेएन.1 उपस्वरूप के संक्रमण की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि भारत में कोविड-19 के 529 नए मामले सामने आए तथा उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4,093 दर्ज की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से आज सुबह आठ बजे तक अपडेटिड आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में कोविड-19 से कर्नाटक में दो और गुजरात में एक मरीज की मौत हुई है।

ठंड और कोरोना वायरस के नए उपस्वरूप के कारण हाल के दिनों में संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। इससे पहले पांच दिसंबर तक दैनिक मामलों की संख्या घटकर दोहरे अंक तक पहुंच गई थी।

तेजी से फैलता है JN.1 वैरिएंट

JN.1 ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट BA.2.86 से बना हुआ है। JN.1 के स्पाइक प्रोटीन में भी एक अतिरिक्त म्यूटेशन पाया गया है। इस म्यूटेशन के कारण यह मजबूत इम्यूनिटी और वैक्सीनेटेड लोगों को भी आसानी से संक्रमित कर रहा है।

दिसंबर में ही क्यों बढ़ता है कोरोना ?

दिसंबर में कोरोना के केस बढ़ते देख ये सवाल उठना लाजिमी है कि हर बार Covid-19 के नए वैरिएंट दिसंबर में ही क्यों आने लगते हैं ? आखिर किस कारण से कोरोना सर्दियों में री एंट्री लेता है?

  • इन सवालों को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि सर्दियों में रेस्पिरेटरी इंफेक्शन बढ़ते हैं। डेल्टा वैरिएंट पर की गई रिसर्च में सामने आया है कि दिसंबर में अक्सर लोग मनोरंजन के लिए भीड़भाड़ वाली जगहों पर पहुंचते हैं। जिससे वायरस को फैलने में आसानी होती है। पूरे वर्ल्ड में क्रिसमस के बाद न्यू ईयर धूमधाम से सेलिब्रेशन किया जाता है। ऐसे में महामारी के फैलने की संभावना बढ़ जाती है।
  • सर्दी में वायरस ज्यादा एक्टिव होते हैं। इस समय सर्दी और जुकाम होने पर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं और कोरोना के आने के बाद डॉक्टर के पास जाने से डरते हैं। इस वजह से भी संक्रमण तेजी से फैल जाता है।

  • रिसर्च में पाया गया कि वायरस की प्रकृति कम धूप, कम तापमान वातावरण में अधिक समय तक जीवित रहने वाली है। यानी ठंडी परिस्थितियों में रहने वाले लोगों में, गर्म परिस्थितियों में रहने वाले लोगों की तुलना में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना ज्यादा होती है।
  • Covid-19, अन्य श्वसन वायरस (Respiratory virus) की तरह है, जो एक मौसमी बीमारी की तरह ही है। ठंड के मौसम में जैसे-जैसे वायरस विकसित होता है, इसके नए प्रकार उभरते हैं और पिछले वैरिएंट की तुलना में ये ज्यादा खतरनाक और कमजोर भी हो सकते हैं। हमेशा एक नया वैरिएंट रूप बदल कर आता है जिसे हमारा शरीर पहचान नहीं पाता, जिससे संभावित बार-बार संक्रित हो जाता है।’
  • सर्दी के मौसम में अक्सर कई इंफेक्शन लोगों में देखने को मिलते हैं। जिसकी वजह से सर्दियों में इम्यूनिटी कमजोर होती है। इस वजह से कोरोना के केस भी बढ़ जाते हैं।

ये भी पढ़ें- JN.1 वैरिएंट के भारत में बड़े मामले, 69 लोग संक्रमित, 7 राज्यों में नए वायरस ने ली एंट्री, कर्नाटक में फूटा कोरोना का बम

संबंधित खबरें...

Back to top button