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रामनिवास रावत का इस्तीफा मंजूर, CM की अनुशंसा के बाद राज्यपाल ने किया स्वीकार, विजयपुर उपचुनाव में हार के बाद वन मंत्री पद से दिया था इस्तीफा

भोपाल। विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद वन मंत्री रामनिवास रावत का इस्तीफा मंजूर हो गया है। रावत ने वन मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विदेश दौरे से लौटने के बाद 2 दिसंबर को रावत के इस्तीफे को अनुशंसा के लिए राज्यपाल मंगूभाई पटेल के पास भेजा था। सीएम की अनुशंसा के बाद राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने रावत का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

12 दिन बाद इस्तीफा मंजूर हुआ इस्तीफ

बुधवार देर शाम राजभवन की ओर से इस्तीफे की मंजूरी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। 12 दिन बाद वन मंत्री रावत का इस्तीफा मंजूर हो गया है। रावत का इस्तीफा मंजूर होते ही अब नए वन मंत्री की तलाश शुरू हो गई है। इस पद के लिए पीएचई मंत्री संपतिया उइके और विजय शाह की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। वहीं वन महकमा किसके हिस्से में आएगा, इसको लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है।

मोहन कैबिनेट में बचे 31 मंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की टीम में अब 31 मंत्री बचे हैं। विजयपुर में मिली हार के बाद रामनिवास रावत ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया। हार से पहले मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री, दो उपमुख्यमंत्री समेत 32 मंत्री थे। प्रदेश की विधानसभा में 230 विधायक हैं और तय नियम के अनुसार राज्य में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 34 मंत्री हो सकते हैं। इस तरह अब तक दो पद ही रिक्त थे और अब रावत के चुनाव हारने के बाद 3 मंत्री बनाए जा सकते हैं।

सीएम से मुलाकात के बाद हुआ अंतिम फैसला

वनमंत्री राम निवास रावत का इस्तीफा 2 दिसंबर को मंजूर कर लिया गया, जिसका नोटिफिकेशन 4 दिसंबर को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किया गया। यह फैसला मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विदेश दौरे से लौटने के बाद लिया गया।

मुख्यमंत्री यादव 30 नवंबर को जर्मनी और यूके से भोपाल लौटे थे। इसके बाद मंत्री रावत ने उनसे मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में इस्तीफे को लेकर चर्चा हुई और मुख्यमंत्री की अनुशंसा के बाद इसे मंजूरी दी गई। इस्तीफा सीएम की सिफारिश पर राजभवन को भेजा गया, जहां इसे स्वीकार किया गया।

नोटिफिकेशन जारी।

उपचुनाव के बाद दिया था इस्तीफा

वनमंत्री रावत ने 23 नवंबर को विजयपुर विधानसभा उपचुनाव के परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, मुख्यमंत्री के विदेश दौरे के चलते इस्तीफे पर निर्णय नहीं हो सका।

23 नवंबर: उपचुनाव परिणाम के बाद इस्तीफा।
30 नवंबर: मुख्यमंत्री विदेश दौरे से लौटे।
2 दिसंबर: इस्तीफा स्वीकार।
4 दिसंबर: नोटिफिकेशन जारी।

भाग्य से कोई नहीं लड़ सकता : रावत

बात दें कि उपचुनाव में मिली हार के बाद बुधवार (27 नवंबर) को रामनिवास रावत ने बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचकर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने हार को लेकर कहा- समय और भाग्य से कोई नहीं लड़ सकता है। मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है, चुनाव में सबने मेरी मदद की। बीजेपी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे निभाएंगे। साथ ही विदेश दौरे से लौटने के बाद सीएम से भी मुलाकात करेंगे।

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