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Indore : फर्जी पहचान से नहीं घूम सकेंगे अपराधी, बायोमैट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाते ही निकलेगी कुंडली

देश में पहली बार पुलिस ने लॉन्च की बायोमैट्रिक डिवाइस, इसमें लुटेरे, चेन स्नेचर जैसे अपराधियों का डाटा रहेगा

इंदौर। शहर को अपराध मुक्त करने के लिए इंदौर पुलिस कमिश्नर ने ट्रांसफर से पहले नया डिवाइस शहर में लॉन्च कराया। उन्होंने बदमाशों को पकड़ने के लिए अनूठा प्रयोग करते हुए बायोमैट्रिक सिस्टम लॉन्च कराया है। दावा है कि इस तरह का सिस्टम देश के किसी भी शहर में नहीं है।

पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि अब तक 1,000 अपराधियों का डाटा पुलिस ने अपने सिस्टम में तैयार कर लिया है। इसे 10,000 तक लेकर जाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जरूरत के हिसाब से मेमोरी बढ़ती रहेगी और अपराधियों का अधिक से अधिक डाटा स्टोर होता रहेगा। ऑक्सीमीटर जितने इस छोटे से डिवाइस में चेन स्नेचर, लुटेरों व अन्य बड़े अपराधियों का डाटा फीड कराया जा रहा है। चौराहे पर तैनात जवान भी इसे आसानी से अपने साथ रख सकता है।

कैसे काम करेगा सिस्टम

यह एक बायोमैट्रिक सिस्टम है। पुलिस किसी अपराधी को पकड़ेगी तो उसके बायोमैट्रिक पहचान दर्ज कर लेगी। इसके बाद यदि वह दोबारा कहीं पकड़ा जाता है या वाहन चेकिंग के दौरान रोका गया तो बायोमैट्रिक से उसकी पूरी कुंडली पुलिस के पास एक क्लिक में होगी। मंगलवार को पुलिस कमिश्नर ऑफिस में मीडिया को दिखाया गया कि कैसे अपराधियों का अंगूठा लगते ही उसके अपराधों का पूरा बैकग्राउंड सामने आ जाएगा।

40 बायोमैट्रिक मशीनें खरीदीं

बायोमैट्रिक के जरिये बदमाशों की धरपकड़ करने की पहल के बीच पुलिस ने 40 मशीनें भी मंगवा ली हैं। अफसरों ने 14 मशीनों के ट्रायल के साथ व्यवस्था लागू भी कर दी है। बदमाशों के फिंगरप्रिंट लेकर उनका अपराधिक रिकॉर्ड अपलोड किया जा रहा है। पुलिस के पास अभी 10 फीसदी बदमाशों का ही डाटा उपलब्ध है, जबकि क्राइम ब्रांच के पास ही डेढ़ लाख बदमाशों के डोजियर है।

गुमराह नहीं कर पाएंगे बदमाश

पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि शहर के अपराधियों पर सख्ती के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है। थाना स्तर पर बदमाशों का डाटा अपलोड करने की व्यवस्था मजबूत होगी तो इसका असर भी दिखने लगेगा, पुलिस कमिश्नर का कहना है कि यह अनूठा प्रयोग है। शुरुआत शहर से ही की जा रही है। कई बार देखने में आता है की शहर में बाहरी अपराधी और जेल से छूटे बदमाश वारदात के लिए घूमते रहते हैं, चेकिंग में इन्हें रोका जाता है तो यह फर्जी पहचान पत्र दिखाकर अपना नाम बदलकर पुलिस को गुमराह कर देते हैं।

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