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Russia-Ukraine Conflict : भारत-यूक्रेन के बीच उड़ान और सीटों की संख्या से हटा प्रतिबंध, Air India ने की स्पेशल फ्लाइट्स चलाने की घोषणा

रूस और यूक्रेन के बीच बनी तनावपूर्ण स्थिति को देख अब एमओसीए ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कोरोना वायरस के कारण एयर बबल एग्रीमेंट के तहत यूक्रेन आने-जाने के लिए सीमित फ्लाइट्स संचालित करने का प्रतिबंध हटा लिया है। बता दें कि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की तरफ से फ्लाइट्स नहीं मिलने को लेकर लगातार शिकायत की जा रही थी।

MOCA ने की घोषणा

इंडियन एविएशन मिनिस्ट्री (MOCA) ने आज इसकी घोषणा कर दी और कहा कि अब यूक्रेन के लिए एयरलाइंस कितनी भी फ्लाइट्स संचालित कर सकती हैं। साथ ही स्पेशल चार्टर्ड फ्लाइट्स भी ऑपरेट की जा सकती हैं। अब कितनी भी उड़ानें और चार्टर उड़ानें संचालित की जा सकती हैं। मंत्रालय की ओर से साझा जानकारी में कहा गया है कि वह विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है।

उड़ानों की संख्या बढ़ाने के निर्देश

MOCA ने भारतीय एयरलाइन कंपनियों को तत्काल यूक्रेन के लिए फ्लाइट्स बढ़ाने का आदेश दिया। मंत्रालय के इस डिसिजन के बाद एयर इंडिया ने यूक्रेन के लिए स्पेशल फ्लाइट्स चलाने की घोषणा कर दी है। भारत ने यूक्रेन में अपने नागरिकों को देश छोड़ने के लिए कहा है, लेकिन 20 फरवरी से पहले कोई उड़ान उपलब्ध नहीं है।

दोनों देशों में एयर बबल समझौता

भारत और यूक्रेन के बीच एक एयर बबल समझौता है, जिसके तहत दोनों देश प्रति सप्ताह एक निश्चित संख्या में उड़ानें संचालित कर सकते हैं। जब महामारी के चलते अंतरराष्ट्रीय यात्रा निलंबित कर दी गई थी, तब इस समझौते की आवश्यकता पड़ी थी। लेकिन अब जबकि हजारों भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं, मंत्रालय ने पहले लगाई गई सीमा को हटाने का फैसला किया है।

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सरकार ने सुनी छात्रों की गुहार

रूस-यूक्रेन के बीच गहराती युद्ध की आशंकाओं के चलते वहां पढ़ रहे करीब 20 हजार भारतीय छात्र संकट में फंसे हुए हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया है कि यूक्रेन की स्थिति को देखते हुए नई दिल्ली और कीव में कंट्रोल रूम बनाया गया है। उन्होंने ये भी बताया कि मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर और ईमेल जारी किया गया है, जिस पर 24X7 संपर्क कर सकते हैं।

सुधर रहे हालात?

यूक्रेन की सीमा पर रूसी सेना के तैनात होने के बाद से हालात लगातार बिगड़ते नजर आ रहे थे। इस बीच अमेरिका और रूस के बीच जमकर बयानबाजी भी शुरू हो चुकी थी। 15 फरवरी को बताया गया कि रूस ने अपनी सेना को वापस बेस पर भेजने का ऐलान कर दिया है। रूस की तरफ से ये भी कहा गया है कि उसका कभी भी यूक्रेन पर हमला करने का इरादा नहीं था।

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रूस और यूक्रेन के बीच क्या है विवाद?

रूस और यूक्रेन के बीच लंबे वक्त से विवाद चल रहा है। दरअसल, यूक्रेन NATO में शामिल होना चाहता है, लेकिन रूस ऐसा नहीं चाहता है। रूस को लगता है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल हुआ तो NATO के सैनिक और ठिकाने उसकी सीमा के पास आकर खड़े हो जाएंगे। हालांकि, NATO ने ऐसा नहीं होने का भरोसा दिलाया है।

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