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CM शिवराज की सिक्योरिटी टाइट, अतीक और अशरफ की हत्या के बाद बढ़ाई सुरक्षा, मीडियाकर्मियों का सत्यापन करेगी पुलिस

भोपाल। प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या का असर मध्य प्रदेश में देखने को मिल रहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान की भी सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। सिक्योरिटी दस्ता, पुलिस, सीएम सुरक्षा की टीम अलर्ट और टाइट हो गई है। मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान थ्री लेयर सिक्योरिटी रहेगी।

मीडियाकर्मियों को किया जा रहा चेक

बता दें कि सीएम शिवराज से मिलने वाले हर शख्स की पहले कड़ी चेकिंग होगी। आस पास जाने वाले लोगों की तलाशी ली जाएगी। बिना कार्ड के स्मार्ट सिटी पार्क में मीडिया की इंट्री नहीं होगी। कल की घटना के बाद फर्जी मीडियाकर्मियों की इंट्री बेन की जाएगी। साथ ही मीडियाकर्मियों को विशेष तौर पर चेक किया जा रहा है। वहीं मीडियाकर्मियों और कार्ड धारी लोगों के कार्ड का पुलिस सत्यापन करेगी। बिना सत्यापन या आइडेंटिटी के प्रवेश नहीं कर सकेंगे।

आरोपी गुड्डू मुस्लिम।

गुड्डू को नासिक से किया गिरफ्तार

उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी और 5 लाख के इनामी बदमाश गुड्डू मुस्लिम महाराष्ट्र के नासिक में छिपा हुआ था। गुड्डू मुस्लिम ने भागने की कोशिश की लेकिन, पुलिस ने उसे दबोच लिया। UP STF की टीम लगातार गुड्डू की लोकेशन ट्रेस कर रही थी। इससे पहले भी गुरुवार यानी 13 अप्रैल को गुड्डू मुस्लिम की लोकशन ट्रेस कर उसे घेरा गया था। लेकिन तब वह STF टीम की आंखों में धूल झोंक कर निकल गया था।

तीनों आरोपियों ने किया सरेंडर

प्रयागराज में शनिवार (15 अप्रैल) को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिम अजीम उर्फ अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस दोनों को मेडिकल टेस्ट के लिए अस्पताल ले जा रही थी। उसी दौरान तीन हमलावरों ने दोनों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

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जानकारी के मुताबिक, हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे और हमले के तुरंत बाद ही तीनों ने सरेंडर कर दिया। इनके नाम लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लवलेश बांदा, अरुण हमीरपुर और सनी कासगंज का रहने वाला है। इस हमले में कॉन्स्टेबल मानसिंह को भी गोली लगी है, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया है।

बड़ा माफिया बनने के लिए की हत्या

पूछताछ में आरोपियों ने कहा कि, वो बड़ा माफिया बनना चाहते हैं इसलिए वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों ने बताया, ‘कब तक छोटे-मोटे शूटर रहेंगे, बड़ा माफिया बनना है इसलिए हत्याकांड को अंजाम दिया।’

हालांकि, पुलिस कस्टडी में तीनों से पूछताछ की जा रही है। उनके पास से हथियार भी बरामद किए गए हैं। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि, आरोपियों पर पहले कहां-कहां और किस तरह के मामले दर्ज हैं।

तीन सदस्यीय कमेटी हत्या की जांच करेगी

गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या के बाद यूपी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। पूरे प्रदेश में धारा 144 लगाकर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। वहीं संवेदनशील इलाकों में RAF (रैपिड एक्शन फोर्स) की तैनाती की जा रही है।

यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार हमले के तुरंत बाद CM योगी से मिलने पहुंचे। सीएम योगी ने सभी बड़े अधिकारियों के साथ बैठक के बाद तीन सदस्यीय न्यायिक जांच कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया है। वहीं 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

झांसी में हुआ था अतीक के बेटे का एनकाउंटर

माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम का गुरुवार दोपहर साढ़े 12 से एक बजे के बीच झांसी में एनकाउंटर हुआ था। यूपी एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया माफिया अतीक अहमद का बेटा असद अपने पिता को छुड़ाने की फिराक में था। पुलिस को इनपुट मिले थे कि असद ने अतीक के काफिले पर हमला कर उसे छुड़ाने और उमेश पाल मर्डर की तरह एक अन्य जघन्य वारदात की प्लानिंग की थी। इसे देखते हुए पुलिस की कई टीमें एक्टिव की गई थीं।

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गुरुवार को पुलिस मुठभेड़ में असद और अतीक के शूटर गुलाम के मारे जाने के बाद उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को पूरे घटनाक्राम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल की हत्या के बाद से ही पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कई टीमें लगाई थीं। इस मामले में पांच लोगों की पहचान की गई थी। इन पर सरकार के स्तर पर पांच-पांच लाख के ईनाम घोषित किए गए थे। इनमें अरमान, असद, गुलाम, गुड्डू और साबिर शामिल थे।

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राजू पाल हत्याकांड से जुड़े हैं तार

बता दें कि 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या हुई थी। इसके मुख्य गवाह उमेश पाल थे। इसी साल 24 फरवरी (2023) को प्रयागराज में सरेआम उमेश पाल और उनके दो सुरक्षा गार्डों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल की पत्नी जया पाल की तहरीर पर 25 फरवरी को अतीक, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, साथी गुड्डू मुस्लिम व गुलाम के अलावा 9 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

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