भोपाल। हर्षवर्धन नगर निवासी बैंक अधिकारी गौतम शर्मा (परिवर्तित नाम) चोरी की आदत से पीड़ित हैं। वे जहां भी जाते हैं, वहां से कुछ न कुछ चोरी जरूर करते हैं। गौतम जब पहली बार अपने ससुराल पहुंचे तो सास की घड़ी ही चुरा लाए, यही नहीं गौतम बेटी के स्कूल में पैरेंट्स मीटिंग में गए तो वहां से भी क्लास टीचर का पेन उठा लिया। पति की इस आदत से परेशान पत्नी ने तलाक तक की धमकी भी दी, लेकिन गौतम ने चोरी की आदत नहीं छोड़ी। मामला बिगड़ने लगा तो रिश्तेदार की सलाह से पत्नी ने मनोचिकित्सक से सलाह ली। यहां काउंसलिंग के बाद पता चला कि वे क्लेप्टोमेनिया नाम की दुर्लभ बीमारी से पीड़ित हैं। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को चोरी करने से आत्मीय संतुष्टि मिलती है। इससे पीड़ित व्यक्ति अक्सर छोटी-मोटी या अनुपयोगी वस्तुओं की चोरी करते हैं, लेकिन जब बीमारी बहुत पुरानी हो जाती है तो व्यक्ति बड़ी चोरियां भी करने लगता है।
होम्योपैथी डॉक्टर भी थी पीड़ित
इंदौर की रहने वाली डॉ. अंबिका सोनी (बदला हुआ नाम) होम्योपैथी डॉक्टर हैं, लेकिन वह भी इस बीमारी से पीड़ित थीं। कॉलेज के दौरान इस बीमारी का पता चला। शुरुआत में वे साथियों के पेन, नोट्स, बुक या कभी- कभी पर्स तक चुरा लेती थीं। धीरे-धीरे यह आदत बढ़ने लगी तो भोपाल में उन्होंने मनोचिकित्सक दोस्त से सलाह ली। करीब छह महीने तक इलाज के बाद अब वे पूरी तरह ठीक हैं। उन्होंने कहा कि कभी-कभी वह चुराई हुई वस्तु को दोबारा उसी जगह पर रख भी देती थीं।
जागरुकता बढ़ी, इसलिए बढ़ रहे मामले
जबलपुर की मनोवैज्ञानिक डॉ. मोनिका वर्मा बताती हैं कि क्लेप्टोमेनिया से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। पहले हमारे पास दो से तीन महीने में एक मामला आता था, लेकिन अब हर महीने दो केस आ जाते हैं। दरअसल लोकलाज के चलते लोग इसके बारे में बात नहीं करते। लेकिन अब जागरुकता बढ़ रही है, इसलिए मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। इस तरह के व्यक्ति आमतौर पर चोरी की कोई योजना नहीं बनाते हैं। यह बीमारी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है।
काउंसलिंग और साइकोथैरेपी है उपचार:
जेपी अस्पताल के क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. राहुल शर्मा बताते हैं कि इसे इंपल्स कंट्रोल डिसआॅर्डर कहा जाता है। ऐसे व्यक्ति को साइको थैरेपी, व्यवहार परिवर्तन चिकित्सा, पारिवारिक उपचार चिकित्सा और काउंसलिंग दी जाती है। इन्हे एंटी डिप्रेशन, एंटी एंजायटी दवाएं दी जाती हैं।
ब्रेन में असंतुलन से होती है बीमारी:
वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी के मुताबिक क्लेप्टोमेनिया ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटर (सीरोटिन) के असंतुलन से हो सकती है। इसके साथ ही ब्रेन में इंजुरी होने पर या कभी-कभी यह अनुवांशिक भी होता है। चोरी करने से न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन रिलीज होता है। डोपामाइन मन में किसी जीत या इनाम मिलने वाली खुशी पैदा करता है, जिसके व्यक्ति चोरी करता है।
क्लेप्टोमेनिया के लक्षण
- अनावश्यक चीजें चुराना।
- चोरी करने से पहले प्लान की चिंता या एक्साइटमेंट महसूस करना।
- चोरी करने पर खुशी मिलना।
- चोरी के बाद डर, शर्म या चिढ़ होना।
- बार-बार चोरी करने का मन करना।
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