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भोपाल : बढ़ती जमीन कीमतों से बढ़ सकते हैं अपराध, सीएम डॉ. मोहन यादव ने पुलिस और रेवेन्यू अफसरों को दिए अलर्ट रहने के निर्देश

भोपाल। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बढ़ती जमीन की कीमतों को लेकर भूमि विवादों के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुलिस के साथ राजस्व विभाग को भी एक्टिव रहने पर जोर दिया है। सोमवार को नए आपराधिक कानूनों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस, जेल, अभियोजन, न्यायिक और फोरेंसिक कर्मचारियों को अपडेट तकनीक से प्रशिक्षण देने के लिए भी निर्देश दिए।

पुलिस और राजस्व विभाग को सतर्क रहने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में भूमि की दरें तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे भूमि विवादों में वृद्धि हो सकती है। ऐसे मामलों में पुलिस के साथ राजस्व विभाग को भी सक्रिय रहना होगा और दोनों विभागों के बीच बेहतर समन्वय बनाए रखना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भूमि से जुड़े अपराधों पर नियंत्रण के लिए दोनों विभागों को सतर्क और सजग रहना चाहिए।

न्याय प्रणाली को सुलभ बनाने की ओर कदम

मुख्यमंत्री ने बैठक में नए आपराधिक कानूनों के तहत प्रदेश की न्याय प्रणाली को अधिक सुलभ और लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन नए कानूनों का उद्देश्य सभी के लिए अधिक सहायक और कुशल न्याय व्यवस्था स्थापित करना है। इसके लिए जन-जन तक इन कानूनों की जानकारी पहुंचाने के लिए जागरूकता गतिविधियां संचालित की जाएं।

अपडेट तकनीक पर फोकस

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुलिस, जेल, अभियोजन, न्यायिक और फोरेंसिक कर्मियों को नई तकनीकों के बारे में प्रशिक्षित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों में समन्वय बढ़ाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और नए उपकरणों का इस्तेमाल करना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हर स्तर पर आवश्यक व्यवस्था और भौतिक संसाधनों की उपलब्धता प्राथमिकता से सुनिश्चित की जाए।

न्यायश्रुति सॉफ्टवेयर से होगी वीडियो कांफ्रेंसिंग

बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि पुलिस थानों और कंट्रोल रूम में साउंड प्रूफ कक्ष चिन्हित किए जा रहे हैं और वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए न्यायश्रुति सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसके अलावा, ई-साक्ष्य की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है और चालान के लिए नया डैशबोर्ड उपलब्ध है, जिससे प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सके।

50 फीसदी वारंट इलेक्ट्रानिकल तकनीक से तामील

बैठक में मुख्यमंत्री को यह जानकारी दी गई कि पिछले तीन महीने में 50 प्रतिशत से अधिक वारंट इलेक्ट्रॉनिक तकनीक से तामील किए गए हैं। इसके लिए सभी जिलों में सेल गठित किए जा चुके हैं और डिजिटल इन्वेस्टिगेशन के लिए टेबलेट्स और लाइव स्कैनर थानों को उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा सायबर अपराधों और डिजिटल धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पहल की गई है।

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