
मप्र में ईओडब्ल्यू की छपामार कार्रवाई जारी है। इसी बीच बुधवार ईओडब्ल्यू की टीम ने सरकारी स्कूल के शिक्षक के छापा मारा। मात्र 750 रुपए के वेतन पर अनुकंपा नियुक्त में लगे इस सरकारी कर्मचारी के पास करोड़ों की जमीन, वाहन, नकदी और जेवरात आदि मिले हैं।
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लिपिक के घर छापे में मिली इतनी संपत्ति
ईओडब्ल्यू की टीम ने बुधवार सुबह शासकीय महाराजवाड़ा स्कूल के सहायक शिक्षक धर्मेंद्र चौहान के घर पर छापा मारा। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिलने पर की गई। छापामार कार्रवाई के दौरान टीम को लिपिक के घर करोड़ों रुपए मूल्य की जमीन, मकान, गोदाम, 4 पहिया वाहन, ट्रैक्टर के साथ नकदी व जेवरात मिले हैं। साथ ही एक बैंक लॉकर के संबंध में भी जानकारी मिली है।
750 रुपए सैलरी पर हुई थी नियुक्ति
ईओडब्ल्यू एसपी दिलीप सोनी ने बताया कि धर्मेंद्र चौहान वर्ष 1994 में अनुकंपा नियुक्ति के माध्यम से नौकरी पर लगा था। नियुक्ति के दौरान उसका वेतन 750 रुपए प्रति माह था। बता दें कि वर्तमान में से 35 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन मिल रहा है। उसके पास पैतृक जमीन के अलावा नौकरी में आने के बाद खरीदी गई जमीन व संपत्ति के बारे में जानकारी मिली है। फिलहाल कार्रवाई जारी है।
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जिला पंचायत अध्यक्ष का रह चुका पीए
एसपी सोनी के मुताबिक धर्मेंद्र चौहान वर्ष 2005 तक जिला पंचायत अध्यक्ष का पीए रह चुका है। अभी तक की जांच में पता चला है कि इस दौरान उसने कई संपत्तियां अर्जित की हैं। कार्रवाई पूरी होने के बाद विस्तृत जानकारी मिल सकेगी।
करोड़ों की जमीन और मकान का निकला मालिक
बता दें कि धर्मेंद्र चौहान अंकपात मार्ग स्थित श्रीकृष्ण कॉलोनी में रहता है। वह शासकीय महाराजवाड़ा स्कूल क्रमांक-2 में सहायक शिक्षक है। महालक्ष्मी कॉलोनी में आलीशान मकान, बड़नगर स्थित ग्राम धरेड़ी में करोड़ों की जमीन, ट्रैक्टर, थ्रेशर मशीन, स्कार्पियो व स्विफ्ट कार के साथ यूको बैंक में लॉकर का रिकॉर्ड मिल गया। टीम ने उसका सर्विस रिकॉर्ड खंगाला तो पता चला कि धर्मेंद्र के पिता अंतर सिंह शिक्षक थे। उनकी मौत के बाद धर्मेंद्र की 1994 में अनुकंपा नियुक्ति हुई थी।