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अब ऑनलाइन भी नहीं बिकेंगे बिना BIS स्टैंडर्ड वाले खिलौने, सरकार ने अमेजन-फ्लिपकार्ट को जारी किया नोटिस; 18600 टॉयज जब्त

सरकार नकली खिलौने बेचने वालों के खिलाफ सख्ती के मूड में है। सरकार ने बुधवार को ई-कॉमर्स कंपनियों को नॉन BIS स्टैंडर्ड वाले खिलौने नहीं बेचने के निर्देश दिए हैं। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स ने भारत में बिना BIS मार्क के खिलौनों की बिक्री के खिलाफ सख्ती बरतते हुए देशभर के 44 बड़े खिलौनों के आउटलेट्स पर छापे मारे हैं। जहां से 18,600 खिलौने जब्त किए गए हैं। इन रिटेल स्टोर्स में एयरपोर्ट पर मौजूद हैमलीज और आर्चीज स्टोर भी शामिल हैं।

ऑनलाइन कंपनीज को नोटिस जारी

देश के कंज्यूमर प्रोटेक्शन रेगुलेटर ने अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी ऑनलाइन कंपनीज के नाम नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आरोप है कि, ये कंपनीज भी बिना BIS क्वालिटी हॉलमार्क वाले खिलौने बेचती हैं। इन बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के जवाब आने के बाद मंत्रालय आगे की कार्यवाही की दिशा तय करेगा।

एक महीने में 44 छापे मारे

बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी का कहना है कि, ‘‘हमें घरेलू विनिर्माताओं से शिकायतें मिली थीं कि ऐसे खिलौनों की बिक्री की जा रही है जो बीआईएस मानकों पर खरे नहीं उतरते। हमने बीते एक महीने में 44 छापे मारे और प्रमुख खुदरा स्टोरों से 18,600 खिलौने जब्त किए।’’ ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स के मुताबिक ये छापे 28 दिसंबर, 2022 से 11 जनवरी, 2023 के बीच मारे गए। इनमें देश की बड़ी टॉयशॉप्स भी शामिल थीं।

BIS सर्टिफिकेशन अनिवार्य

जनवरी 2021 से ही खिलौनों के लिए BIS सर्टिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। बाजार में सस्ते क्वालिटी वाले सामान की बिक्री को रोकने के लिए ये आदेश जारी किया गया। BIS के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी के मुताबिक, ‘आज तक किसी भी चीनी खिलौना निर्माता को बीआईएस लाइसेंस नहीं दिया गया है। भारत में लगभग 1,000 खिलौना निर्माताओं के पास बीआईएस लाइसेंस हैं, जिनमें से 982 घरेलू निर्माता हैं और 29 विदेशी कंपनियां हैं।

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