
अक्सर यह भ्रांति लोगों के बीच होती है कि अब गाड़ी में जो भी काम कराएंगे वो बारिश के बाद कराएंगे, लेकिन ऐसा करना कई बार खतरनाक साबित हो सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक गाड़ी का मेंटनेंस बारिश से पहले भी उतना ही जरूरी है, जितना बारिश का मौसम खत्म होने के बाद। ऐसा इसलिए क्योंकि जिन गाड़ियों के टायर्स में ग्रिप या ट्रेक्स खत्म हो जाते हैं, वे हादसे का कारण बनते हैं क्योंकि गाड़ी समय पर रूकती नहीं और स्किड होने लगती है।
वाइपर बदलवाना जरूरी : गाड़ी में सात से आठ पाइंट्स का ध्यान रखना होता है। सबसे पहले तो वाइपर जरूर बदल लें चाहे वे कितने ही अच्छे क्यों न हो। होता यह है कि ठंड के दिनों में वाइपर के रबर सख्त हो जाते हैं और गर्मी के मौसम में नर्म। इस बदलाव के कारण उसकी रबर खराब हो जाती है और जब धूल के कण उसमें फंसते हैं, तो विंडशील्ड पर स्क्रेच आने लगते हैं। विंडशील्ड को वाइपर शैंपू डालकर क्लीन करना चाहिए, इससे वाइपर ब्लेड अच्छे से ग्लाइड करते हैं। इसके लिए 18 से 40 रुपए का पाउच आता है।
धुंध जमने पर एसी चालू रखें
बारिश के दौरान कार की विंडो बंद ही रहती हैं, जिससे कार की विंडस्क्रीन धुंधली हो जाती है और सामने का व्यू ठीक से दिखाई नहीं देता। इस समस्या से बचने के लिए एसी और डिफॉगर का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही वाइपर चालू रखें। अगर खिड़की के ग्लास पर धुंध जमी है, तो विंडो को नीचे रोल करके उसे साफ कर लें।
टायर ट्रेक्स चेक करा लें
हैडलाइट्स व टेल लाइट्स को ठीक करा लें, क्योंकि यदि टेल लाइट ठीक नहीं होगी तो पीछे से टक्कर पड़ने का खतरा रहता है। टायर के ट्रेक्स 30 फीसदी से कम हैं, तो गाड़ी फिसलने लगती है और ब्रेक लगाने पर गाड़ी रूकने में समय लगाती है।
चूहे व सांप से बचाव के लिए साउंड रेट रेपलेंट
इसके अलावा कार जब खड़ी करें तो कवर डालकर रखें क्योंकि तेज बारिश में पानी कहीं न कहीं से बैठ जाता है। इसके अलावा अल्टासोनिक साउंड रेट रेपलेंट कार में लगाकर रखें ताकि चूहे, सांप अन्य कोई जीव कार में न घुस सके। यह वॉटरप्रूफ होते हैं और मार्केट में 800 रुपए की कीमत से शुरू होते हैं।
बारिश में गाड़ी खराब होने के बढ़ते हैं मामले
बारिश में कहीं भी मौसम का आनंद लेने के लिए एफएम चालू छोड़कर लोग बाहर निकल जाते हैं और कार बैटरी लो हो जाती है। इसके अलावा जिन लोगों की कार बैटरी की सेहत पहले से खराब है, वो बारिश में बंद पड़ जाती है। दिनभर में हमारे पास सबसे ज्यादा कॉल इसी समस्या को लेकर आते हैं। इस समय हमारा काम काफी ज्यादा बढ़ जाता है। सभी को सुझाव देते हैं कि टू- व्हीलकर हो या फोर व्हीलकर सभी का तेज बारिश से पहले मेंटनेंस जरूर करा लें ताकि बारिश के दौरान रास्ते में परेशान न होना पड़े। टू-व्हीलकर ओनर्स को भी चिकने हो चुके टायर्स को बदलवा लेना चाहिए व ब्रेक को सही करा लेना चाहिए। एंटी-फॉग शील्ड वाले हेलमेट भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा यदि आपका इलेक्ट्रिक व्हीकल पानी में फंस गया है, तो इंजन स्टार्ट न करे बल्कि अपनी गाड़ी को धक्का देकर निकाले या व्हीकल टो सर्विस की मदद लें। -आशीष साहू, इंजीनियर, गाड़ी रिपेयर.कॉम