
नई दिल्ली। राहुल गांधी ने मोहन भागवत के बयान को देशद्रोही करार दिया है। मोहन भागवत ने 1947 को आजादी का साल न बताते हुए, रामलाला प्राण प्रतिष्ठा को भारत की आजादी का दिन बताया था। जिस पर राहुल का कहना है कि मोहन भागवत का बयान संविधान का अपमान है। उन्होंने हर क्रांतिकारी और भारतीय नागरिक का भी अपमान किया है।
भागवत ने हर भारतीय का अपमान किया- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के उद्धाटन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर हमलावर होते हुए कहा कि भागवत अपने बयानों से हर दो-तीन दिन में बताते रहते हैं कि वो स्वतंत्रता अंदोलान और संविधान के बारे में क्या सोचते हैं। उन्होंने जो कहा वो देशद्रोह है, उनके बयानों का मतलब है संविधान का कोई औचित्य नहीं है।
राहुल ने आगे कहा, भागवत के हिसाब से अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई का कोई महत्व नहीं है। अगर वो किसी और देश में ऐसे बयान देते तो गिरफ्तार हो जाते। उन पर केस चलने लगता। यह कहना कि 1947 में भारत को आजादी नहीं मिली यह हर भारतीय का अपमान है।
क्या कहा था मोहन भागवत ने
दरअसल मोहन भागवत ने 13 जनवरी को इंदौर मे एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि आयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘’प्रतिष्ठा द्वादशी’’ के रूप में मनाई जानी चाहिए। क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मनों का आक्रमण झेलने वाले सच्चे देश को सच्ची आजादी इसी दिन मिली थी।
राहुल ने चुनाव आयोग पर भी उठाए सवाल
राहुल ने इसके साथ ही चुनाव आयोग सवाल उठाते हुए कहा कि आज सभी जांच एजेंसियों को सिर्फ यही काम दिया गया है कि कैसे विपक्षी नेताओं को घेरा जाए और उन्हें जेल भेजा जाए। चुनाव अयोग को भी खुद को पाक-साफ करने की जरुरत है। चुनाव अयोग को महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव का डेटा देना चाहिए, लेकिन चुनाव आयोग ऐसा नहीं कर रहा। हमें कैसे भरोसा होगा कि इलेक्टोरल सिस्टम सही काम कर रहा है। यह चुनाव अयोग को साबित करना चाहिए कि चुनाव पारदर्शी तरीके से हो रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
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