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इस्तीफा देने की कगार पर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, प्रमुख अखबार का दावा- पार्टी के ही सांसद पद छोड़ने का बना रहे दबाव

ओटावा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इस हफ्ते इस्तीफा दे सकते हैं। प्रमुख अखबार ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, लिबरल पार्टी के भीतर उनकी स्थिति कमजोर हो गई है। पार्टी के कई सांसदों और नेताओं ने उनसे पद छोड़ने की मांग की है।

ट्रूडो पर इस्तीफे का दबाव

पीएम जस्टिन ट्रूडो पर उनकी पार्टी के 24 से अधिक सांसदों ने सार्वजनिक रूप से इस्तीफे का दबाव बनाया है। इसके अलावा व्यक्तिगत मुलाकातों में भी कई नेताओं ने ट्रूडो से प्रधानमंत्री पद छोड़ने की अपील की है। हाल ही में कनाडा की डिप्टी प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद ट्रूडो पर दबाव और बढ़ गया।

कॉकस बैठक में हो सकता है बड़ा फैसला

बुधवार को लिबरल पार्टी की नेशनल कॉकस बैठक होनी है, जिसमें ट्रूडो को विद्रोह का सामना करना पड़ सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रूडो इस बैठक से पहले ही इस्तीफा सौंप सकते हैं। विदेश मंत्री मेलानी जोली को ट्रूडो के संभावित उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा है।

2019 में अल्पमत की सरकार बनने के बाद ट्रूडो ने न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के सहयोग से सत्ता संभाली थी। लेकिन हाल ही में NDP ने समर्थन वापस ले लिया है। NDP के नेता जगमीत सिंह ने पीएम ट्रूडो के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की है। अगर अविश्वास प्रस्ताव पारित होता है, तो कनाडा में समय से पहले चुनाव हो सकते हैं।

बढ़ती महंगाई और अप्रवासियों के मुद्दे बने वजह

प्रधानमंत्री ट्रूडो की लोकप्रियता में गिरावट का मुख्य कारण देश में बढ़ती महंगाई, अप्रवासियों की संख्या में इजाफा और कट्टरपंथी गतिविधियों का बढ़ना है। 2024 के सर्वे में केवल 28% कनाडाई नागरिकों ने ट्रूडो को फिर से चुनाव लड़ने का समर्थन किया। वहीं, 65% लोगों ने उनके नेतृत्व को नकार दिया।

ट्रूडो को बाद किसको मिलेगी कमान

अगर ट्रूडो इस्तीफा देते हैं, तो लिबरल पार्टी को एक नए और मजबूत नेता की तलाश करनी होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मेलानी जोली, डोमिनिक लेब्लांक और मार्क कानी जैसे नाम इस दौड़ में सबसे आगे हैं। हालांकि, नए नेता का चयन समय लेगा, जिससे पार्टी को आगामी चुनाव में नुकसान हो सकता है।

चौथी बार पीएम बनने की चुनौती

जस्टिन ट्रूडो 2015 में पहली बार प्रधानमंत्री बने थे और लगातार तीन बार चुनाव जीते। लेकिन चौथी बार चुनाव जीतने की संभावना कम होती दिख रही है। पिछले 100 सालों में कनाडा में कोई भी प्रधानमंत्री लगातार चार बार चुनाव जीतकर सत्ता में नहीं आया है।

क्या होंगे इस्तीफे के परिणाम

अगर ट्रूडो इस्तीफा देते हैं, तो लिबरल पार्टी को नेतृत्व संकट का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, समय से पहले चुनाव कराए जाने की मांग और तेज हो सकती है। कंजर्वेटिव पार्टी महंगाई और अन्य मुद्दों पर ट्रूडो सरकार को घेर रही है, समय से पहले चुनाव होने की स्थिति में बहुमत हासिल कर सकती है।

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