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ब्रिटेन: PM ऋषि सुनक ने होम मिनिस्टर सुएला ब्रेवरमैन को किया बर्खास्त, फिलिस्तीन समर्थकों के प्रति पुलिस की उदारता को लेकर की थी आलोचना

लंदन। ये खबर चौंका देने वाली है। ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने अपने कैबिनेट की सबसे वरिष्ठ मंत्रियों में से एक, आंतरिक मामलों की (गृह) मंत्री सुएला ब्रेवरमैन को बर्खास्त कर दिया है। सुएला ने पिछले हफ्ते शनिवार को लंदन में हुए एक मार्च को संभालने के पुलिस के तरीके पर सवाल उठाए थे। उन्होंने दो दिन पहले एक लेख में लिखा था कि, इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद लंदन में फिलिस्तीन के समर्थन में हुए प्रदर्शनों को लेकर मेट्रोपॉलिटन सिटी पुलिस ने नरमी बरती। इतना ही नहीं होम मिनिस्टर ने ये भी लेख में दावा किया था कि प्रदर्शनों से ठीक तरीके से नहीं निपटने के कारण लोगों को दिक्कत हुई। उनके इस लेख को पीएम ऋषि सुनक पर सीधा हमला माना गया था और विपक्षी पार्टी के साथ-साथ सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी के भीतर से भी उन्हें बर्खास्त करने की मांग उठने लगी थी। बाद में जानकारी सामने आई है कि पीएम ऋषि सुनक ने जेम्स क्लेवरली को देश के नया गृह मंत्री नियुक्त किया है। वे इससे पहले विदेश मंत्री के पद पर काम कर रहे थे। एक अन्य अहम फैसले में पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को ब्रिटेन की कैबिनेट में वापस लाया गया है। 2010 से 2016 तक पीएम रहे कैमरन अब ब्रिटेन के नए विदेश मंत्री के तौर पर काम करेंगे।

इस घटना के बाद से शुरू हुआ विवाद

शनिवार को लंदन में फिलिस्तीनी समर्थकों ने प्रदर्शन किया था। इस मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ हिंसक झड़प हुई थी। इस घटना के बाद लंदन मेट्रोपोलिटन पुलिस ने अब तक 126 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसे भी सुएला ने पुलिस की विफलता बताया था। इस घटना से पहले भी सुएला पुलिस को लेकर कई सख्त बयान देती रही हैं। वे पूर्व पीएम लिज ट्रस के कार्यकाल के दौरान भी ब्रिटिश गृह मंत्री थीं।

इस कारण बढ़ता गया विवाद

पिछले एक माह से लंदन समेत देश भर में फिलिस्तीन के समर्थन में जगह-जगह मार्च निकाले जा रहे थे। इस कारण सुएला ने शनिवार को आयोजित होने वाले मार्च से पहले पुलिस को अलर्ट रहने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही उन्होंने साफ कहा था कि ड्यूटी पर मौजूद पुलिस ऑफिसर नफरत से भरे किसी भी प्रदर्शन के प्रति सख्ती सख्ती और सक्रियता दिखाएंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि यह फिलिस्तीन समर्थक आंदोलन है, जिसमें हर वीकेंड पर हजारों गुस्साए प्रदर्शनकारी इकट्ठा होते हैं और इस दौरान भड़काऊ नारेबाजी, पोस्टर और स्टिकर को देखते हुए पुलिस को सख्ती दिखानी ही चाहिए। ब्रेवरमैन ने इस दौरान यह भी साफ कर दिया था कि, गाजा पट्टी केस में के आतंकवादियों का महिमामंडन किया गया है। इतना ही नहीं अब यहूदियों को नरसंहार की धमकी दी जा रही है। हालांकि जब ऐसा नहीं हुआ तो सुएला ने लेख लिखकर लोगों की परेशानी के लिए मेट्रोपोलिटन पुलिस की रणनीति को जिम्मेदार ठहराया।

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