
भोपाल। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के विरोध में सोमवार को आम आदमी पार्टी देशव्यापी प्रदर्शन कर रही है। इसी कड़ी में भोपाल में आप समर्थक और पार्टी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी मुख्यालय के सामने हाथों में हथकड़ी पहनकर अनूठे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ता हाथों में हथकड़ी और पोस्टर लेकर पहुंचे। जिसमें लिखा हुआ था- शिक्षा मंत्री ‘तुझे सलाम’।
पुलिस ने कार्यकर्ताओं को किया गिरफ्तार
राजधानी में आप पार्टी के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रही। केंद्र की बीजेपी सरकार के विरोध में नारेबाजी कर रहे आप कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बीजेपी कार्यालय से चलता किया तो वह बिट्टन मार्केट की और नारेबाजी करते हुए कूच करने लगे, जिन्हें पुलिस ने सुभाष स्कूल चौराहे के पास ही रोककर गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान आप कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हो गई। दोनों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई।
#भोपाल : #आम_आदमी_पार्टी के कार्यकर्ताओं ने #भाजपा कार्यालय के सामने अनूठे अंदाज में किया प्रदर्शन। हाथों में हथकड़ी पहनकर #दिल्ली के डिप्टी सीएम @msisodia की गिरफ्तारी का किया विरोध। #पुलिस ने सुभाष स्कूल चौराहे के पास से किया गिरफ्तार।@AamAadmiParty @ArvindKejriwal #MPPolice pic.twitter.com/8eM0jE7VK9
— Peoples Samachar (@psamachar1) February 27, 2023
आप कार्यकर्ताओं ने लगाए आरोप
प्रदर्शन के दौरान दौरान आप पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर मनीष सिसोदिया की रिहाई की मांग कर रहे थे, लेकिन बीजेपी सरकार की तानाशाही के चलते उन्हें प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है।
सिसोदिया को CBI ने गिरफ्तार
दरअसल, शराब नीति मामले में दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को CBI ने गिरफ्तार किया है। इससे पहले टीम ने सिसोदिया से करीब 8 घंटे पूछताछ की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अफसर ने सिसोदिया पर सबूत नष्ट करने का भी आरोप लगाया था। सीबीआई ने सिसोदिया और अफसर को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की तो, उन्होंने कई सवालों के जवाब नहीं दिए। बताया जा रहा है कि इसी वजह से सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया है।
शराब लाइसेंस के लिए ली रिश्वत
CBI की चार्जशीट में गिरफ्तार व्यवसायी विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली समेत 7 आरोपियों के नाम हैं। आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने की दिल्ली सरकार की पॉलिसी से कुछ डीलरों को फायदा मिला। यह फायदा उन्हें ही मिला जिन्होंने इसके लिए रिश्वत दी थी। उधर, शराब लाइसेंस के लिए रिश्वत देने वाले आरोपों का आम आदमी पार्टी (AAP) ने खंडन किया है। उसका कहना है कि शराब लाइसेंस के लिए किसी से पैसा नहीं लिया गया।
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कई अनियमितताएं मिलीं : CBI
इस मामले में सीबीआई के प्रवक्ता का कहना है कि जांच के दौरान आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देना, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, अनुमोदन के बिना एल-1 लाइसेंस का विस्तार जैसी कई अनियमितताएं की गई हैं। यह भी आरोप है कि इन तरह की रिश्वत से मिले अवैध लाभ को निजी पक्षों ने अपने बहीखातों में गलत तरीके से दर्ज किया और शराब नीति से जुड़े अफसरों को फायदा पहुंचाया।
एलजी की सिफारिश पर हुआ था केस दर्ज
दरअसल, एलजी विनय कुमार सक्सेना की सिफारिश पर दिल्ली में शराब नीति में कथित घोटाले को लेकर सीबीआई ने केस दर्ज किया था। जिसके बाद में ईडी ने भी जांच शुरू की थी। इस मामले में जांच एजेंसियों ने आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया था। इसके बाद से सीबीआई और ईडी लगातार छापेमारी कर सबूत इकट्ठा करने का प्रयास कर रही है।