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होशंगाबाद और इंदौर का रिकॉर्ड तोड़ने चुनाव मैदान में भाजपा दिग्गज

पिछले लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोट से जीते थे उदय प्रताप

पुष्पेन्द्र सिंह- भोपाल। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के अंतर्गत पिछले चार चुनाव में हर बार अलग-अलग सीटों पर जीत का रिकॉर्ड बना है। पिछला रिकॉर्ड होशंगाबाद से भाजपा के राव उदय प्रतापसिंह के नाम पर है जो अब प्रदेश सरकार में स्कूल शिक्षा और परिवहन मंत्री हैं। राव उदय प्रताप सिंह ने एक चुनाव कांग्रेस में रहते लड़ा था और कम मार्जिन से चुनाव जीते थे। पिछले चुनाव में ही प्रदेश में सबसे अधिक वोट पाने वालों में दूसरे नंबर पर रहे इंदौर के भाजपा सांसद शंकर लालवानी। वे एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। इन्होंने दस लाख से अधिक वोट हासिल किए थे। सबसे कम अंतर से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी ज्यादातर भाजपा प्रत्याशियों के नाम पर है। इस बार भी कई दिग्गजों की जीत पर नजर रहेगी।

वर्ष-2004: कैलाश जोशी ने भोपाल को रखा सबसे आगे

भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश जोशी को वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में भोपाल से उतारा गया था। इन्होंने यहां से सबसे बड़ी जीत 3.06 लाख मतों से हासिल की थी। राजनीति के संत करहे जाने वाले जोशी दो बार भोपाल के सांसद रहे।

वर्ष-2014: इंदौर से ‘ताई’ सुमित्रा महाजन के नाम रिकॉर्ड

इंदौर लोकसभा सीट से कई बार चुनाव लड़ चुकीं सुमित्रा महाजन ने 2014 के चुनाव में प्रदेश में सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को 4.66 लाख वोटों से हराया था। दूसरे स्थान पर विदिशा से सुषमा स्वराज रहीं।

वर्ष-2009: भाजपा नेत्री सुषमा स्वराज के नाम पर भी बड़ी जीत

भाजपा नेत्री सुषमा स्वराज ने विदिशा से अपने प्रतिद्वंद्वी को 3.89 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में सबसे कम अंतर से चुनाव जीतने वाले रीवा से बसपा प्रत्याशी देवराज पटेल थे।

वर्ष-2019: होशंगाबाद में उदय प्रताप ने तोड़े थे सभी रिकॉर्ड

भाजपा के राव उदय प्रताप सिंह ने होशंगाबाद में रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीता। उन्होंने कांग्रेस के शैलेंद्र दीवान को को 5.53 लाख मतों से हराया जो प्रदेश में सबसे बड़ी जीत थी।

इस बार इन दिग्गजों के रिजल्ट पर रहेगी नजर

शिवराज सिंह चौहान, विदिशा: शिवराज 1991 उप चुनाव से लगातार विदिशा सीट से जीत रहे थे। इन्हें वर्ष 1998 के चुनाव में सर्वाधिक 57 प्रतिशत वोट मिले थे। अब उनके सामने 2009 में सुषमा स्वराज को मिले 78.80 प्रतिशत वोट मिलने के रिकॉर्ड को तोड़ने की चुनौती है।

वीडी शर्मा, खजुराहो: खजुराहो से पहला चुनाव लड़ा और 4.92 लाख वोट के अंतर से जीते। इस बार सपा प्रत्याशी का नामांकन निरस्त होने से उन्हें वॉकओवर मिलना माना जा रहा था लेकिन इंडिया गठबंधन ने फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी आरबी प्रजापति को समर्थन देकर चुनौती बढ़ा दी है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया, गुना: गुना से पिछला चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर हारे थे। इस बार भाजपा से प्रत्याशी हैं। वर्ष 2004 का चुनाव 86 हजार वोट से जीता था। जबकि 2019 का चुनाव सवा लाख वोट से हारे थे। केंद्रीय मंत्री होने के नाते सबकी नजरे हैं।

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