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केरल : PFI के 15 लोगों को मौत की सजा, भाजपा नेता की हत्या के मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला

अलप्पुझा। केरल की एक अदालत ने दिसंबर 2021 में अलप्पुझा जिले में भाजपा के ओबीसी नेता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या के मामले में प्रतिबंधित इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI ) से जुड़े 15 लोगों को मंगलवार को मौत की सजा सुनाई। मारे गए नेता के परिवार और भाजपा ने फैसले का स्वागत किया।

अतिरिक्त जिला न्यायाधीश, मावेलिक्कारा वीजी श्रीदेवी ने दोषियों को सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष ने दोषियों के लिए अधिकतम सजा का अनुरोध करते हुए कहा था कि पीएफआई के ये सदस्य एक ‘‘प्रशिक्षित हत्यारा दस्ता” से जुड़े थे और जिस क्रूर तथा वीभत्स तरीके से पीड़ित को उसकी मां, बच्चे और पत्नी के सामने मारा गया वह इसे ‘‘दुर्लभ से दुर्लभतम” की श्रेणी के अपराध के दायरे में लाता है।

15 में से 14 को कोर्ट में पेश किया

विशेष अभियोजक प्रताप जी. पडिक्कल के अनुसार, मामले में दोषी ठहराए गए कुल 15 व्यक्तियों में से 14 को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया था। न्यायाधीश ने मौखिक रूप से कहा कि सजा उस दोषी पर भी लागू होगी जिसे आज पेश नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होने की वजह से एक दोषी को अदालत में पेश नहीं किया जा सका, जिसे पेशी के दौरान सजा सुनाई जाएगी।

अदालत ने मामले में 20 जनवरी को 15 लोगों को दोषी ठहराया था। फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्रीनिवासन के परिवार ने कहा कि वे इससे संतुष्ट हैं। श्रीनिवासन की पत्नी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक असाधारण दुर्लभ मामला था और हमारा नुकसान बहुत बड़ा है। हम घटना की गहन और ईमानदार जांच करने के लिए अभियोजन और जांच अधिकारियों के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं जिसके परिणामस्वरूप अंततः अधिकतम सजा हुई।” अभियोजक के अनुसार, अदालत ने पाया कि 15 में से 8 (अभियुक्त संख्या एक से 8) आरोपी सीधे सीधे मामले में शामिल थे। अदालत ने 4 लोगों (अभियुक्त संख्या 9 से 12) को भी हत्या का दोषी पाया।

क्या था मामला

भाजपा के OBC विंग के नेता रंजीत श्रीनिवासन पर 19 दिसंबर 2021 में पीएफआई और ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ (एसडीपीआई) से जुड़े कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया था। इस दौरान उनके घर में उन्हें परिवार के सामने ही बुरी तरह पीटा गया और उनकी हत्या कर दी गई थी। इस घटना से कुछ पहले ही 18 दिसंबर की रात को एक गिरोह ने एसडीपीआई नेता केएस शान की हत्या कर दी थी। घटना के समय वह अलप्पुझा में अपने घर लौट रहे थे। माना जा रहा था कि कट्टरपंथी भीड़ इससे गुस्सा गई और बदले में रंजीत की हत्या कर दी।

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