2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले में कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई के दौरान एक गवाह ने बड़ा खुलासा किया है। उसने अदालत को ये भी बताया कि ATS ने उसे योगी आदित्यनाथ और RSS के 4 अन्य लोगों का नाम लेने के लिए मजबूर किया था। जानकारी के मुताबिक, इस मामले में अब तक 220 लोगों की गवाही हो चुकी है।
2008 Malegaon blast case | A witness tells Special NIA court that he was tortured by ATS, the then probe agency of the case. He also told the court that ATS forced him to falsely name Yogi Adityanath and 4 other people from RSS.
— ANI (@ANI) December 28, 2021
ATS ने मुझे प्रताड़ित किया था : गवाह
मुंबई की विशेष NIA अदालत को गवाह ने बताया कि मामले की तत्कालीन जांच एजेंसी ATS ने उसे प्रताड़ित किया था। उसने कोर्ट को बताया कि विस्फोट के बाद उसे 7 दिनों तक ATS कार्यालय में रखा गया था। उसके बाद ATS ने उसके परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित करने और उन्हें फंसाने की धमकी दी थी।
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मामले में शामिल अन्य आरोपी
इस मामले में अन्य आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित, भोपाल से भाजपा की लोकसभा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय रहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल हैं। फिलहाल ये सभी आरोपी जमानत पर हैं और गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) और भादंवि के प्रावधानों के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
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2008 में मालेगांव ब्लास्ट हुआ था
मुंबई से करीब 200 किमी दूर मालेगांव कस्बे में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल में रखे एक बम में विस्फोट हुआ था। इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 से ज्यादा घायल हुए थे।