रायसेन। मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला शनिवार को रायसेन जिले से सामने आया है। यहां भोपाल लोकायुक्त (Bhopal Lokayukta) की टीम ने औबेदुल्लागंज में डीएफओ कार्यालय में पदस्थ वन रक्षक को 2 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। आरोपी ने फर्नीचर की दुकान का लाइसेंस बनवाने के एवज में रिश्वत मांगी थी। वन रक्षक एसडीओ को देने के नाम पर 10 हजार रुपए मांग रहा था।
क्या है मामला ?
जानकारी के मुताबिक, रायसेन जिले के बरेली में रहने वाले तरुण शर्मा ने भोपाल लोकायुक्त को शिकायत की थी। शिकायत में आवेदक ने बताया कि उसे अपने लिए फर्नीचर की दुकान का लाइसेंस वन विभाग से लेना है। इसके लिए सभी दस्तावेजी कार्रवाई वह पूरी कर चुका है। इसके बाद उसकी फाइल औबेदुल्लागंज में डीएफओ कार्यालय में वेरिफिकेशन के लिए लंबित है। जिसका वेरिफिकेशन एसडीओ कार्यालय बाड़ी से होना है। इसके एवज में वन रक्षक सुरेश कुमार व्यास निवासी मुख्य बाजार बरेली उससे 10 हजार रुपए मांग रहा है। उसका कहना है कि एसडीओ साहब तक रुपए पहुंचते हैं।
रिश्वत लेते धराया वन रक्षक
रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर 2 हजार रुपए मांगे थे। आवेदक ने इसकी शिकायत भोपाल लोकायुक्त में कर दी। लोकायुक्त ने उक्त शिकायत की पुष्टि करने के बाद आरोपी को पकड़ने की योजना बनाई। जैसे ही आवेदक ने वन रक्षक को रिश्वत की राशि दी, वैसे ही लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। लोकायुक्त की कार्रवाई से हड़कंप मच गया। प्रशासनिक अमले के साथ वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद है। फिलहाल वनरक्षक से पूछताछ की जा रही है।
ये भी पढ़ें: भोपाल MANIT में लोकायुक्त की कार्रवाई : प्रोफेसर और कंसलटेंट को 1.5 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा